प्रदेश में मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक खोले जा रहे हैं। उज्जैन में प्रांभिक रूप से चार क्लीनिक फिलहाल खोले गए हैं। वहीं अब 18 ओर क्लीनिक खोलने की तैयारी है। एक प्रकार यह क्लीनिक मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर काम करेंगे। जहां स्थानीय लोग इन क्लीनिक पर पहुंचकर सामान्यबीमारियों को उपचार करा सकेंगे। यहां एक एलोपैथी डॉक्टर दवाई देने वाले कर्मचारी मौजूद रहेंगे।
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इन बीमारियों का होगा निशुल्क उपचार
यहां पर मुख्य रूप से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, सर्दी-जुकाम, वायरल फीवर सहित गर्भवती महिलाओं की जांच सहित अन्य बीमारियों का निःशुल्क उपचार होगा। वहीं, इलाज करवाने वाले को मुफ्त दवाईयां भी इन्हीं सेंटरों से मिल जाएगी। इस प्रकार के क्लीनिक का फायदा यह कि लोगों को जिला अस्पताल तक पहुंचने की जरुरत नहीं रहेगी और अपने ही क्षेत्र में इलाज करवा सकेंगे। वहीं यहां आने वाले मरीजों का डाटा भी पोर्टल के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा।
भवन तलाशने निगम को बनाया नोडल
मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक खोलने के लिए भवन की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है। निगमायुक्त को नोडल अधिकारी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि, शहर में खुलने वाले 18 क्लीनिकों के लिए विभिन्न वाडडों में रिक्त पड़े निगम के भवन या सामुदायिक भवन की सूची बनाई जा रही है। जहां पर इन क्लीनिकों को बनाया जाएगा। इसके अलावा निगम भी आवश्यकतानुसार नए भवन बनाकर उपलब्ध करवाएगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
सीएमएचओ डॉ. संजय शर्मा के अनुसार, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक शहर में खोले जा रहे हैं। यह 25 हजार आबादी पर एक होंगे। यहां पर लोगों को निःशुल्क उपचार के साथ दवाईयां भी दी जाएगी। क्लीनिक के लिए भवन उपलब्ध करवाने के लिए निगम को नोडल बनाया है।
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