26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गेहूं एक्सपोर्ट पर रोक के बाद इस राज्य की मंडियां हुई बंद, व्यापारियों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम

मंडी प्रतिनिधि संघ का कहना है कि, अगर जल्द ही सरकार ने गेहूं के निर्यात से प्रतिबंध नहीं हटाया तो जल्द ही मध्य प्रदेश की सभी 260 मंडियां अनिश्चितकालीन बंद कर दी जाएंगी।

2 min read
Google source verification
News

गेहूं एक्सपोर्ट पर रोक के बाद इस राज्य की मंडियां हुई बंद, व्यापारियों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम

उज्जैन. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार को अनाज व्यापारियों ने कड़े शब्दों में अल्टीमेटम दे दिया है। मंडी प्रतिनिधि संघ का कहना है कि, अगर जल्द ही सरकार ने गेहूं के निर्यात से प्रतिबंध नहीं हटाया तो जल्द ही मध्य प्रदेश की सभी 260 मंडियां अनिश्चितकालीन बंद कर दी जाएंगी। बता दें कि, केंद्र सरकार की ओर से गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा रखी है। व्यापारी संघ का कहना है कि, इसका नुकसान सीधे तौर पर मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों के लाखों किसानों और हजारों व्यापारियों को हो रहा है।

इस संबंधे में मध्य प्रदेश के उज्जैन के अनाज तिलहन संघ के सचिव अनिल गर्ग का कहना है कि, सरकार को तुरंत प्रतिबंध हटाना चाहिए। क्योंकि, सरकार द्वारा गेहूं के एक्सपोर्ट पर बेन लगाए जाने के चलते सिर्फ मालवांचल के ही हजारों व्यापारियों का करोड़ों रुपया विदेशों में फंस गया है।

यह भी पढ़ें- सड़क पर खड़ी भीड़, शिवराज ने काफिला रोककर जाना हाल, शिकायत मिली तो ऑन स्पॉट लिया एक्शन


'सरकार ने फैसला वापस न लिया तो मंडी संघ लेगा एक्शन'

मीडिया बातचीत में अनाज तिलहन संघ के सचिव अनिल गर्ग ने कहा कि, यहां के व्यापारियो ने महाराष्ट्र और गुजरात के व्यापारियों के साथ-साथ कंपनियों को माल बेचा था। ये माल एक्सपोर्ट होना था लेकिन सरकार ने इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी, जिसके चलते कई सौदे कैंसिल कर दिए गए हैं और बड़े व्यापारियों के साथ साथ कंपनियों ने उनके पैसे अटका लिए हैं। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि, फिरहाल मध्य प्रदेश में 2 दिनों के लिए मंडी को बंद की गई है। लेकिन, अगर सरकार ने अपना फैसला वापस न लिया तो आगामी दिनों में मध्य प्रदेश की मंडियों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।


ये है किसाों और व्यापारियों के नुकसान की वजह

व्यापारियों का कहना है कि, सरकार 2015 रुपए क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद रही है, जबकि व्यापारी उनसे 2100 से 2500 रुपए क्विंटल गेहूं खरीदकर ले जा रहे हैं। निर्यात बंद होने के बाद व्यापारियों ने खरीदी बंद कर दी, जिसकी वजह से मजबूरन किसीनों को कम मुनाफे पर समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचना पड़ेगा। व्यापारियों ने ये भी मांग उठाई है कि, सरकार अगर किसान हितैषी है तो फिर समर्थन मूल्य में 300 रुपए तक बोनस देना चाहिए। ऐसी में अगर निर्यात बंद भी रहता है तो किसान किसी प्रकार की आपत्ति नहीं रखेगा।

ये 5 चीजें आपके पाचन तंत्र तो बनाएंगी मजबूत, वीडियो में जानें