उज्जैन में हर दिन आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में उन्हें बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन दूर-दूर होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसलिए इन्हें एक ही स्थान पर किया जा रहा है, ताकि जिन यात्रियों को रेल के बाद बस या बस के रेल का सफर करना हो, उन्हें भटकना नहीं पड़े।
उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर दिन आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में उन्हें बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन दूर-दूर होने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसलिए इन्हें एक ही स्थान पर किया जा रहा है, ताकि जिन यात्रियों को रेल के बाद बस या बस के रेल का सफर करना हो, उन्हें भटकना नहीं पड़े।
शहर में यात्रियों की बढ़ती संख्या के बाद अब रेलवे स्टेशन और देवासगेट बस स्टैंड क्षेत्र को मल्टी ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड को एक कैम्पस में शामिल कर दिया जाएगा। यहां पर रेल, बस के साथ सारी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिल सकेगी। खास बात यह कि मल्टी ट्रांजिट हब के लिए नगर निगम देवास गेट बस स्टैंड की भूमि देने का तैयार है। वहीं इस योजना को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी अपने अधिकारियों से परीक्षण कर रिपोर्ट बनवाने के लिए कहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्षों में रेलवे स्टेशन और देवासगेट क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के रूप में दिखेगा।
श्री महाकाल लोक के बाद उज्जैन में अमूमन 2 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचने लगे हैं, वहीं देवास गेट बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर दिनभर गहमागहमी के साथ यात्री भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में भटकते रहते हैं। ऐसे में यहां मल्टी मॉडल ट्रांजिट हब के रूप विकसित किए जाने पर विचार शुरू किया गया। इसके लिए पिछले दिनों रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस योजना को आकार देने के साथ आर्थिक मदद की दरकार की गई है।
इस योजना में रेलवे ओर बस स्टैंड एक कैम्पस में आ जाएगा। वहीं यात्रियों को शहर में जाने के लिए टैक्सी, ऑटो व सार्वजनिक बसे मिल सकेंगी। इसके अलावा यात्रियों को ठहरने, भोजन, शौचालय जैसे अन्य सुविधाएं भी एक ही जगह पर उपलब्ध हो जाएगी।
इसलिए ट्रांजिट हब की जरूरत● राजस्थान, मक्सी, आगर और बड़नगर क्षेत्र की ओर आने- जाने के लिए सडक़ मार्ग से ज्यादा यात्री आते है। इसमें कई को इंदौर, भोपाल या अन्य जगह जाने के लिए ट्रेन पकडऩा होती है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पास होने से यात्रियों को मशक्कत नहीं करना पड़ेगी।
● देशभर से आने वाले यात्री को ओंकारेश्वर, देवास या आसपास के क्षेत्र में घूमने जोन के लिए रेलवे स्टेशन से ही टैक्सी व अन्य सुविधाएं मिल जाएगी।
● रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पास होने से यात्रियों को दोनों ही माध्यम से जाने के लिए ऑप्शन रहेंगे।
● तीर्थयात्रियों के लिए स्टेशन परिसर में सार्वजनिक सेवा ऑटो, मैजिक व बसें मिल सकेगी। इसके लिए स्टेशन से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
● मल्टी ट्रांजिट हब में यात्रियों के ठहरने के लिए होटल, रेस्टारेंट सहित अन्य सुविधा रहेगी। इसके लिए उन्हें शहर में नहीं भटकना होगा।
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इसलिए बन सकता ट्रांजिट हब
मल्टी ट्रांजिट हब के लिए जरूरी है कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पास-पास हो। हमारे यहां दोनों ही एक-दूसरे से लगे हुए हैं, इसलिए इन्हें एक साथ मिलाकर संपूर्ण योजना बनाई जा सकती है। चूंकि रेलवे की ओर से रेलवे स्टेशन को आधुनिक रूप दिया जा रहा है, ऐसे में अगर बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन एक होकर मल्टी ट्रांजिट हब के रूप में विकसित होता है तो शहर को नई सौगात के साथ यात्रियों को बड़ी सुविधाएं मिलेगी।
रोप-वे व एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण से बढ़ेगी भव्यता
रेलवे स्टेशन से 209 करोड़ रुपए की लागत से महाकाल मंदिर तक रोप-वे तथा 40 करोड़ से एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जाना प्रस्तावित है। इन दोनों का निर्माण होने से रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर यात्रियों का दबाव ओर अधिक बढ़ जाएगा। ऐसे में मल्टी ट्रांजिट हब बनता है तो यात्रियों को बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन से महाकाल पहुंचने में आसानी होगी, वहीं पूरा क्षेत्र एक भव्य रूप भी लेगा, जिससे आर्थिक गतिविधि के साथ देश में शहर की नई पहचान मिलेगी।