
आज भी होगा मूल्यांकन, वीडियोग्राफी की रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे
शाजापुर. नैक मूल्यांकन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि महाविद्यालय में जो भी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक और अन्य कर्मचारी हो वे सभी यहां पर कम से कम 5 साल पूरे करें, क्योंकि जब कोई भी 5 साल तक एक जगह पर पदस्थ रहेगा तो नैक का मूल्यांकन आसानी से करवा सकता है, लेकिन बार-बार स्थानांतरण की प्रक्रिया के कारण नए आने वाले अधिकारी और कर्मचारी को परेशानियां होती है और इसका नुकसान महाविद्यालय को उठाना पड़ता है।
ये बात नैक मूल्यांकन के लिए नवीन महाविद्यालय पहुंचे तीन सदस्यों के दल के सदस्य दादर मुंबई के पूर्व प्राचार्य डॉ. महारुद्र केकरे ने महाविद्यालय के प्राचार्य कक्ष में महाविद्यालय के पूर्व छात्रों से चर्चा के दौरान कही। डॉ. केकरे ने कहा कि नवीन महाविद्यालय से नैक मूल्यांकन के लिए जो एसएसआर प्रस्तुत की गई थी उसका भौतिक मूल्यांकन करने के लिए हम यहां पर आए हैं। हम अपनी रिपोर्ट को तैयार करके नैक मूख्यालय में प्रस्तुत करेंगे वहां से ही महाविद्यालय के लिए नैक की श्रेणी तय होगी। इस चर्चा के दौरान नैक मूल्यांकन दल के अध्यक्ष श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय अरुणाकुलम केरल के कुलपति डॉ. धर्मराजन पीके और उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद के राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. जीराम रेड्डी भी मौजूद रहे। पूर्व छात्रों से चर्चा के दौरान महाविद्यालय के पूर्व छात्र आशुतोष शर्मा ने उपस्थितजनों का परिचय कराया। इसके बाद उन्होंने महाविद्यालय को लेकर अपने अनुभव साझा किए। इस कार्यक्रम में कन्या महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. शेरू बैग, पूर्व छात्र एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. आरके जैन, पूर्व छात्र एवं समाजसेवी नवनीत दूबे, वीरेंद्र व्यास, राजकुमार शर्मा, अरुण शर्मा, शीतल भावसार, आशीष नागर, डॉ. रितेश शर्मा, विपुल कसेरा, श्याम टेलर, छात्रा अपूर्वा अष्ठाना ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी ने महाविद्यालय के विकास के लिए बेहतर श्रेणी देने का आग्रह भी किया। इसके बाद नैक मूल्यांकन के दल ने महाविद्यालय के छात्रों से भी यहां की स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई। बताया जाता है कि पूरे निरीक्षण की वीडियोग्राफी के बाद इस वीडियो को भी नैक दल अपने साथ ले जाकररिपोर्ट के साथ नैक मुख्यालय पर प्रस्तुत करेगा।
मिली जुली प्रतिक्रिया
पिछले करीब एक पखवाड़े से नवीन महाविद्यालय में जो युद्ध स्तर पर तैयारियां की गई है उससे यहां की सूरत तो बदली है, लेकिन जो प्रयास अभी किए गए वो प्रयास और पहले से किए जाते तो महाविद्यालय का नजारा कुछ और ही होता। निरीक्षण में महाविद्यालय का हाल आधा सफल-आधा विफल नजर आया। नैक दल विभागों के प्रस्तुतीकरण, पुस्तकालय, महाविद्यालय की सफाई व अन्य व्यवस्थाओं से ज्यादा संतुष्ट नहीं दिखाई दिया।
घबराहट दिखी
नैक मूल्यांकन के लिए नवीन महाविद्यालय ने रंगाई-पुताई करवाई, खिड़की दरवाजे बदलवाए, बिजली के तारों को दुरुस्त कराया, पर्दे, कारपेट और प्रयोगशाला के सौंदर्यीकरण पर भारी-भरकम राशि खर्च की। यहां तक कि दिन-रात एक कर अलग-अलग विभागों के रिकॉर्ड संधारित किए, पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन भी तैयार की, लेकिन जब इन तैयारियों को प्रस्तुतीकरण करने की बारी आई, तो स्टाफ के सदस्यों के चेहरों पर घबराहट और हड़बड़ाहट दिखाई दी। जिसे निरीक्षण दल के जिम्मेदार भांप गए। सुबह 8 .50 बजे कॉलेज में मूल्यांकन शुरू हुआ। अधिकारियों के सामने पहले विभागाध्यक्षों ने अपने विभाग की उपलब्धियों व रिकॉर्ड का पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन दिया। अधिकारियों ने पुराने पुस्तकालय को खुलवाया तो अंदर से उठ रही दुर्गंध के कारण नैक दल के अध्यक्ष डॉ. धर्मराजन पीके तो बाहर ही रुक गए। जबकि शेष दो सदस्य अंदर पहुंचे। उन्होंने इसके प्रति नाराजगी जाहिर की।
'ऑयल पेंट के डिब्बे हमारे लिए ही खुलवाए हैंंÓ
निरीक्षण दल में शामिल अधिकारी जब कॉलेज का निरीक्षण कर रहे थे, तो धूल और हाल ही में दरवाजे-खिड़कियों पर हुए ऑईल पेंट की बदबू के कारण उन्हें मुंह पर रुमाल रखना पड़ा। इसे लेकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि क्या ये ऑइल पेंट के डिब्बे हमारे लिए ही खुलवाए हैं क्या। एक अधिकारी ने तो कक्ष व प्रयोगशाला के अंदर जाने से भी मना कर दिया। वे पूरे समय मुंह पर रुमाल रखकर ही निरीक्षण करते दिखे।
एक कक्ष में तीन विभाग क्यों?
निरीक्षण के दौरान दल के सदस्यों ने देखा कि एक कक्ष के बाहर ही हिंदी, ऊर्दू और राजनीति विज्ञान विभाग की तख्तियां लगी हुई थी। इस पर अधिकारियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक ही कक्ष में तीन विभाग कैसे संचालित हो सकते हैं। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ.आरकेएस राठौड़ ने कहा कि कक्ष की कमी के कारण ये व्यवस्था करना पड़ी है। इस पर दल के सदस्यों ने कहा यदि आपको ऐसा करना भी है, तो आप भाषाओं को एक साथ कर दें, लेकिन राजनीति विज्ञान के साथ हिंदी ठीक नहीं है।
आज भी होगा मूल्यांकन
नैक मूल्यांकन के लिए तीन सदस्यीय दल शाजापुर में दो दिन के लिए आया है। सोमवार को दल ने विभागों की समीक्षा की और महाविद्यालय का निरीक्षण किया। देर शाम को महाविद्यालय में नैक दल के सामने महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती दी। मंगलवार को अब विभागाध्यक्षों से एक-एक करके चर्चा होगी। साथ ही निर्धारित महाविद्यालय के बाहर के परिसर का निरीक्षण के साथ ही तय कार्यक्रम अनुसार अन्य बिंदुओं पर निरीक्षण किया जाएगा।
Published on:
24 Sept 2019 12:17 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
