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उज्जैन में घरों की नेम प्लेट भी कुछ कहेंगी

अब जन शिकायतों का घर बैठे निराकरण की आशंका नहीं रहेगी, क्यूआर कोड से कचरा वाहनों की भी होगी एंट्री

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Name plates of houses in Ujjain will also say something

अब जन शिकायतों का घर बैठे निराकरण की आशंका नहीं रहेगी, क्यूआर कोड से कचरा वाहनों की भी होगी एंट्री

उज्जैन. सफाई या अन्य किसी कार्य को लेकर शिकायत और फिर कर्मचारी द्वारा सिर्फ कागज पर ही निराकरण करने के आरोप लगने जैसी घटनाए आम हैं। शिकायतकर्ता कर्मचारी द्वारा निराकरण नहीं करने का आरोप लगाते हैं जबकि कर्मचारी मौके पर पहुंच समस्या दूर करने का दावा करते हैं। आरोप-दावे के बीच समस्या का निराकण हो न हो लेकिन संबंधित विभाग की सर्विस पर जरूर सवाल खड़े हो जाते हैं। निकट भविष्य में शायद एेसा न हो क्योंकि घरों की नेम प्लेट आरोप और दावे की स्थिति ही बनने नहीं देंगी। कर्मचारी को अपनी सर्विस देने के बाद स्मार्ट नेम प्लेट का क्यूआर कोड स्कैन करना होगा जिसकी एंट्री कंट्रोल रूम पर भी होगी।

शहर में घरों पर लगने वाली नेम प्लेट सिर्फ नाम या पता बताने के काम ही नहीं आएंगी, अब यह बहुउपयोगी बनेंगी। बड़ा उपयोग शासन-प्रशासन और जनता के बीच विभिन्न सेवाओं को बेहतर करने में होगा। दरअसल स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा कुछ नए फीचर्स के साथ एक बार फिर शहर में घरों पर स्मार्ट नेम प्लेट लगाने का काम शुरू किया गया है। इस नेम प्लेट में भवन स्वामी का नाम व पता तो होगा ही, साथ ही कुछ जानकारियों वाला एक क्यूआर कोड भी रहेगा। जब किसी व्यक्ति द्वारा नगर निगम संबंधित सेवा के संबंध में शिकायत या आवेदन किया जाएगा तो संबंधित कर्मचारी उक्त घर पर पहुंच नेम प्लेट के क्यूआर कोड को स्कैन करेगा। इससे स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम पर यह संदेश पहुंच जाएगा कि कर्मचारी उक्त शिकायतकार्त के घर पहुंच गया है। साथ ही शिकायत का निराकण हुआ या नहीं, इसकी जानकारी भी लग जाएगी। दावा है कि इससे पब्लिक सर्विस और बेहतर व पारदर्शी हो सकेगी।

कचरा कलेक्शन के बाद करेंगे स्कैन

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था में भी स्मार्ट नेम प्लेट का उपयोग होगा। कर्मचारी घर से कचरा कलेक्शन करने के बाद क्यूआर कोड स्केन करेगा जिससे कंट्रोल रूम पर उक्त मकान से कचरा कलेक्ट होने की सूचना मिल जाएगी। इससे के बाद यदि कोई व्यक्ति कचरा कलेक्ट नहीं होने की शिकायत करता है तो, कंट्रोल रूम के रिकार्ड से स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

अन्य विभाग भी कर सकते हैं उपयोग

स्मार्ट नेम प्लेट सुविधा से अन्य विभाग भी जुड़ सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि डाक विभाग अपनी सेवा स्मार्ट कंपनी के माध्यम से स्मार्ट नेम प्लेट से जुड़वाती है तो भविष्य में पोस्ट मेन घर पर डाक देने के बाद क्यूआर कोड स्केन करेंगे जिससे कंट्रोल रूम पर इसकी जानकारी सुरक्षित हो सकेगी। एेसी ही अन्य विभाग की सेवाएं भी जुड़ सकती हैं।

एक लाख से अधिक घरों में लगेंगी नेम प्लेट

शहर में एक लाख से अधिक मकान व भवन है। योजना अंतर्गत स्मार्ट सिटी कंपनी सभी भवनों पर नि:शुल्क स्मार्ट नेम प्लेट लगवाएगी। वर्ष २०२० में ही नेम प्लेट लगाने का कार्य शुरू हो गया था। तब नेम प्लेट क्यूआर कोड में विभिन्न टेक्स आदि की भी जानकारी शामिल करने की बात कही गई थी। शुरुआत में महानंदानगर, महाश्वेतानगर, अलखनंदानगर, महाशक्तिनगर, प्रगति नगर, अन्नपूर्णा नगर, एसआरडी कॉलोनी, विश्वबैंक कॉलोनी के ४ हजार से अधिक घरों में नेम प्लेट लगाई जा चुकी है। कोरोन के बाद से नेम प्लेट लगाने का कार्य बंद था जिसे अब दोबारा शुरू किया गया है। अभी वार्ड क्रमांक ४४ में घरों पर स्मार्ट नेम प्लेट लगाने की कार्रवाई की जा रही है।