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महाकाल मंदिर : पुजारी-पुरोहितों के लिए परिचय-पत्र अनिवार्य, प्रोटोकॉल कक्ष की व्यवस्था में बदलाव

महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल कक्ष में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। मंदिर प्रशासन ने कक्ष को सुबह आठ की बजाय छह बजे खोलने का निर्णय लिया है।

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उज्जैन. महाकाल मंदिर के प्रोटोकॉल कक्ष में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। मंदिर प्रशासन ने कक्ष को सुबह आठ की बजाय छह बजे खोलने का निर्णय लिया है। इसके साथ प्रसाद काउंटर भी सुबह छह बजे से खोले जाएंगे। इस व्यवस्था से दर्शनार्थियों को सुविधा होगी। इधर मंदिर परिसर में सोलाधारण कर अनाधिकृत तौर घूमने वालों पर रोक लगाने के लिए मंदिर के पुजारी-पुरोहितों को परिचय-पत्र लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।

भस्मआरती के बाद प्रोटोकॉल कक्ष को सुबह छह बजे खोलने का निर्णय
भस्मआरती के बाद प्रोटोकॉल कक्ष को सुबह छह बजे खोलने का निर्णय लिया गया है। सुबह कई वीआइपी दर्शन करने आते हैं, लेकिन कक्ष खुला नही होने के कारण व्यवस्था गड़बड़ाती है। इससे विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती है। करीब एक पखवाडे़ पहले नगर निगम के प्रमुख अधिकारी द्वारा भस्म आरती के बाद कोटितीर्थ कुंड ओर से आकर चांदी द्वार से प्रवेश करने पर मंदिर के सेवक ने उन्हें रोक दिया था। अधिकारी ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया तो सेवक ने प्रोटोकॉल कक्ष से अनुमति लेकर आने को कह दिया था। इस वक्त कक्ष खुला नहीं था। इस बात की जानकारी लगने के बाद कलेक्टर ने प्रोटोकॉल कक्ष के संबंध और व्यवस्थाओं की समीक्षा कर व्यवस्थाओं में बदलाव के निर्देश दिए थे।

व्यवस्था में सुधार के लिए

व्यवस्था में सुधार के लिए कर्मचारियों को जल्दी बुलाने को कहा है। कक्ष में सुबह छह बजे से दो सेवकों को ड्यूटी पर तैनात करने के आदेश दिए थे। इसके साथ सुबह जल्दी आने वालों को महाकाल का प्रसाद लेने में परेशानी नहीं हो, इसके लिए प्रसाद काउंटर भी सुबह छह बजे से खोलने का निर्णय लिया है।

अनाधिकृत प्रवेश रोकेंगे
सोलाधारण कर पुजारी-पुरोहित के सहयोगियों के तौर पर मंदिर परिसर में अनाधिकृत प्रवेश कर घूमने वालों पर रोक लगाने के उद्देश्य से मंदिर समिति की सूची के अनुसार तय पुजारी-पुरोहित और इनके प्रतिनिधियों को मंदिर में उपस्थिति के दौरान परिचय-पत्र साथ रखने के निर्देश भी दिए गए हैं। पुजारी-पुरोहित और प्रतिनिधियों से कहा गया है कि वे मंदिर परिसर में रहने के दौरान परिचय-पत्र लगाकर रखें।