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उज्जैन. पंचक्रोशी मार्ग स्थित तिरुपतिधाम एवेन्यु में 3 अप्रैल की रात नोएडा की महिला टीआई पर प्राणघातक हमले की साजिश सुसर और पति ने ही रची थी। इसके लिए दो लाख रुपए में तीन बदमाशों को सुपारी दी गई थी। साथ ही हमले के लिए उज्जैन को चुना गया था। इस यात्रा पर महिला टीआई की बहन साथ आई थी, इसलिए बदमाशों ने उस पर भी हमला कर दिया। पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए हमला करने वाले तीन बदमाशों को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। महिला का पति गिरफ्त में आ चुका है, लेकिन ससुर अभी फरार है। पुलिस महिला की ननद को भी गिरफ्तार कर उज्जैन लाई है।
तीन नकाबपोशों ने किया था चाकू से हमला
चिमनगंज थाना क्षेत्र स्थित तिरुपतिधाम एवेन्यु में 3 अप्रैल की देर रात एक बजे तीन नकाबपोश बदमाश मकान के अंदर घुसे और नोएडा में पदस्थ ने महिला टीआई सीता पति अनुज और उसकी शिक्षिका बहन नीता पति रोहित पर चाकू से हमला कर दिया। घटना में आरोपियों ने पहले सो रही नीता पर चाकू से हमला किया। चीख सुन सीता उसे बचाने के लिए आई तो उस पर भी हमला कर दिया। हंगामा होता देख दूसरे कमरे में सो रहे अन्य लोग पहुंचे तो बदमाश भाग खड़े हुए। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में तीन नकाबपोश दिखाई दिए। गंभीर घायल महिलाओं का उपचार उज्जैन में हुआ। इसके कुछ दिन बाद दिल्ली रैफर कर दिया। यहां उपचार के दौरान नीता की नस में परेशानी होने के चलते एक हाथ काटना पड़ा।
ट्रेन में एक साथ आए महिला और आरोपी
महिलाओं पर हमले के लिए उज्जैन को चुना गया। बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के नाम पर सीता को उज्जैन आने के लिए तैयार किया गया। सीता अपनी बहन नीता और उसके पति को साथ ले आई। सुसर यादकरण ने उसी ट्रेन से हमलावरों का टिकट करवाया, जो महिलाओं के एक कोच में पीछे बैठकर आए।
पुलिस ने बताई यह कहानी
आइजी राकेश गुप्ता के अनुसार बदमाश एक होटल में रुके। घटना को अंजाम देने से पहले ही उन्होंने होटल छोड़ दिया, लेकिन अगले दिन सुबह तक शहर में थे। इसी आधार पर संदिग्ध मानते हुए पुलिस ने जांच की और आरोपियों तक पहुंची। हालांकि सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल ने पुलिस को काफी मदद की है। पुलिस की जांच टीम लंबे समय तक गाजियाबाद रही। इस टीम को आइजी ने तीस हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है।
दरवाजे ने दी जांच को दिशा
घायलों में यूपी की महिला टीआई थी। इसलिए केस पुलिस के लिए चुनौती था। जांच के लिए भारी-भरकम टीम बनाई गई। मौके पर एसपी जांच के लिए पहुंचे। इस दौरान सीसीटीवी फुटेज मेें तीन नकाबपोश भागते दिखाई दिए। घटना के दौरान बदमाशों को मुख्यद्वार खुला हुआ मिला। इससे पुलिस ने अंदाजा लगाया कि किसी ने अंदर से गेट खोला। इसी से जांच को नई दिशा मिली और मकान अंदर के व्यक्ति के घटना में शामिल होने की बात सामने आई।
दो बार हत्या का प्रयास फेल हुआ
महिला टीआई की हत्या के लिए सुसर यादकरण ने बेटे अनुज, बेटी नीतू के साथ मिलकर पूरी साजिश रची। हत्या के लिए गाजियाबाद से बाहर का शहर चुना गया, क्योंकि यूपी में महिला टीआई की हत्या को पुलिस गंभीरता से लेती। इसके लिए उज्जैन आए। बदमाशों को ट्रेन में ही महिलाओं का काम तमाम करने का संदेश दिया गया, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद महिलाओं की पहचान करवा दी गई कि किसे मारना है, लेकिन घटना स्थल पर दोपहर के समय पहुंचे बदमाशों को मुख्यद्वार बंद मिला। इसके बाद रात को हमले की योजना बनाई। इसके लिए अनुज ने पहले ही मुख्य द्वार खोल दिया। इससे बदमाश अंदर घुस गए और हमला कर भाग गए। हालांकि इस हमले में भी महिला टीआई गंभीर घायल हुई।
दूसरी शादी कराना चाहता था ससुर
बताया जा रहा है कि अनुज और सीता को कोई बच्चा नहीं है। इन दोनों की उम्र में करीब 10 वर्ष का अंतर है। जिस समय शादी हुई, अनुज बेरोजगार था। इसके बाद उसकी नौकरी पुलिस में लग गई। इसलिए उसके पिता सीता को पसंद नहीं करते थे और दूसरी शादी करना चाहते थे। इसी के साथ सीता के पास काफी संपत्ति भी बताई जा रही है।
इन्होंने किया था हमला
दोनों महिलाओं पर अमरोहा निवासी गजेंद्र पिता रामकिशन (35), करणवीर पिता जीहान सिंह खडग़वंशी (18), चंद्रशेखर पिता भूखन सिंह खडग़वंशी (20) ने हमला किया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
हमले की साजिश रचने वाला पति गिरफ्तार
प्राणघातक हमले की साजिश रचने वाले पति अनुज सिंह को उज्जैन पुलिस अमेठी से गिरफ्तार कर लाई है। इससे पूर्व तीनों हमलावर और अनुज की बहन नीतू को गिरफ्तार कर चुकी है। सुसर यादकरण फरार है। अनुज भी सीआरपीएफ में पदस्थ है। बता दें, नोएडा में पदस्थ महिला टीआई सीता सिंह को उसका पति अनुज सिंह महाकाल दर्शन के लिए लेकर आया। तीन हमलावरों ने चाकू से प्राणघातक हमला किया। इसमें नीता का हाथ तक काटना पड़ा। मामले में सीता की हत्या की साजिश सुसर, पति और ननद ने तीन लोगों को दो लाख रूपए देकर रची थी।
एक दिन पहले खोल दिया मामला
नोएडा की महिला टीआई और उसकी शिक्षिका बहन पर उज्जैन में हमला हुआ। यह मामला पुलिस के लिए चुनौती था। पीडि़ता उत्तर प्रदेश की पुलिस अधिकारी है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच की तो पहली बार में शक की सुई पति पर गई। इसके बाद पुलिस की टीम लंबे समय तक उत्तरप्रदेश के शहरों में जांच के लिए भटकती रही और उन्हें सफलता भी मिल गई। पुलिस हमलावरों तक पहुंच गई। इसके बाद पूरी कहानी खुल गई। महिला टीआई सीता का सुसर यादकरण उसे पसंद नहीं करता। सुसर यादकरण को व्यवसाय में घाटा हुआ। इन सभी समस्याओं का समाधान सीता की हत्या से करने की कोशिश की गई, जो असफल हो गया।
Published on:
24 Apr 2019 09:46 pm
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