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उज्जैन. महाकाल मंदिर परिसर स्थित पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के पूर्व गादीपति प्रकाशपुरी सोमवार दोपहर को अचानक लौट आए। अखाड़े में उनके पहुंचते ही हलचल मच गई। नए गादीपति महंत दयाशंकर से उन्होंने सीधी बात नहीं की। इस बीच विवाद की आशंका की सूचना मिलने पर पुलिस और मंदिर उपप्रशासक भी पहुंच गए। दोनों महंतों ने सबकुछ सामान्य होने का आश्वासन दिया। वहीं अब गादीपति के पदारोहण और चादर रस्म की अधिकृत घोषणा के लिए अखाड़े के पंचों का इंतजार है। उम्मीद है कि एक-दो दिन में पंच शहर पहुंच जाएंगे, इसके बाद आगे की गतिविधि होगी। बता दें कि परंपरानुसार भगवान महाकालेश्वर को भस्मी लेपन और भस्मी चढ़ाने का अधिकार पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के गादीपति महंत को ही होता है। इसके लिए वह अपने किसी सहयोगी को अधिक्रत भी कर सकते हैं।
अखाड़े के निवर्तमान गादीपति महंत प्रकाशपुरी अखाड़े पहुंचे तो नवनियुक्त गादीपति दयापुरी ने पहले चरण स्पर्श कर गादीपति की गादी पर विराजित किया। इस बीच दोनों के बीच सीधी बातचीत नहीं होते हुए शिष्यों के माध्यम से अपनी बात पहुंचाई। वहीं विवाद की आशंका सूचना पर मंदिर समिति उपप्रशासक प्रीति चौहान और महाकाल थानाप्रभारी एमएस परमार अखाड़े पहुंच गए। दोनों अधिकारियों ने प्रकाशपुरी महाराज और दयापुरी महाराज से अलग-अलग चर्चा की। दोनों ही महंतों ने आश्वस्त किया कि सब कुछ सामान्य है। इन्हें बताया गया कि हरिद्वार से अखाड़े के पंचों के आने पर स्थिति साफ हो जाएगी। वहीं दयापुरी महाराज ने अधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा कि महंत प्रकाशपुरी महाराज मेरे गुरु हैं और अखाड़े में उनका सम्मान बरकरार है। जहां तक गादीपति का प्रश्न है, इसके लिए अखाड़े के पंचों के आने का इंतजार किया जाए। सूत्रों के अनुसार हरिद्वार से पंच एक-दो दिन में उज्जैन आ सकते हैं। मप्र में अखाड़े के मुख्यालय आेंकारेश्वर से महंत कैलाश भारती मामले का निराकरण करने आ सकते हैं। इस मामले में दोनों महाराजों ने फोन पर कई बार अखाड़े के मुख्यालय हरिद्वार में पंचों या अखाड़े के वरिष्ठ पदाधिकारी संतों से बात भी की।
....ओर प्रकाशपुरी के साथ आए संत चले गए
पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के वरिष्ठ संतों और पदाधिकारियों को महाकाल मंदिर परिसर स्थित पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी में महंत प्रकाशपुरी महाराज की दो शिष्या और वैष्णव अखाड़े की एक संत की मौजूदगी पर सतत आपत्ति रही है। अखाड़े के सूत्रों ने बताया कि सोमवार को महंत प्रकाशपुरी महाराज के अखाड़े में आगमन के दौरान ये दो शिष्या और वैष्णव अखाड़े की एक संत भी साथ थे। महंत दयापुरी महाराज ने महंत प्रकाशपुरी महाराज का अभिवादन करते हुए कहा कि गुरुजी आपका स्वागत है पर यह तीनों इस अखाड़े में नहीं रहेंगे। इसके बाद महंत प्रकाशपुरी ने तीनों को वहां से रवाना कर दिया।
१५ दिन पूर्व चले गए थे प्रकाशपुरी, त्यागपत्र देने की बात आई थी
महंत प्रकाशपुरी १५ दिन पूर्व अचानक अखाड़ा छोड़कर चले गए थे। उस समय महंत दयापुरी महाराज ने बताया था कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण महंत प्रकाशपुरी महाराज ने गादीपति के पद से त्यागपत्र दे दिया है। मुझे नया गादीपति नियुक्त किया है। उस वक्त दयापुरी महाराज ने यह भी बताया था कि महानिर्वाणी अखाड़े में महंत का पद संभालने के बाद अखाड़े को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है। जल्द ही पंच महंताई चादर की रस्म के लिए तारीख तय करेंगे।
नहीं की मीडिया से चर्चा
पूरे घटनाक्रम पर महंत प्रकाशपुरी ने मीडिया से कोई चर्चा नहीं की। महंत प्रकाशपुरी ने हाथ जोड़ते हुए मीडिया से चर्चा करने से इनकार कर दिया। वहीं महंत दयापुरी तो सामने ही नहीं आए।
Published on:
01 May 2018 08:00 am
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