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Coronavirus in Ujjain: महाकाल मंदिर तक पहुंच गया कोरोना, पुजारी का निधन

Coronavirus in Ujjain: महाकाल मंदिर में वर्षों से सेवा दे रहे थे पंडित चंद्र मोहन काका, दो अन्य पुजारी और चार कर्मचारियों का इलाज जारी....।

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priest of mahakal temple in ujjain dies due to corona infection

उज्जैन। कई वर्षों तक महाकाल ज्योतिर्लिंग (mahakaleshwar jyotirlinga) की सेवा करने वाले पुजारी पंडित चंद्र मोहन का शनिवार को कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। पंडित चंद्र मोहन के निधन का समाचार मिलते ही महाकाल परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। कोविड गाइडलाइन के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल मंदिर के पुजारी चंद्र मोहन गुरु के निधन पर दुख व्यक्त किया है। चौहान ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी चंद्रमोहन गुरु के निधन का दुःखद समाचार मिला है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।

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महाकाल परिसर में शोक की लहर

पंडित चंद्रमोहन काका के निधन से महाकाल मंदिर परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। महाकाल के पंडे और पुजारियों ने स्व. चंद्रमोहन को श्रद्धांजलि दी। कोविड गाइडलाइन के मुताबिक चंद्रमोहन काका का शव परिजनों को नहीं सौंपा गया। उनका अंतिम संस्कार चक्र तीर्थ पर निगम कर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों ने किया। गौरतलब है कि दो अन्य पुजारी भी अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। वहीं चार अन्य कर्मचारी भी संक्रमित हैं।

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महाकाल में जारी है महारुद्राभिषेक

कोरोना महामारी से बचाव के लिए महाकाल प्रबंधन समिति की ओर से महारुद्राभिषेक व महामृत्युंजय जाप करवाया जा रहा है, जो 11 दिनों तक चलेगा। महाकाल मंदिर में सैनिटाइजेशन भी कराया जा रहा है। 11 दिवसीय अनुष्ठान के दौरान 76 पंडित दो शिफ्ट में रोज महारुद्र और महामृत्युंजय का जाप कर रहे हैं। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी के मुताबिक अनुष्ठान की पूर्णाहुति 19 अप्रैल को की जाएगी।

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श्रद्धालुओं की संख्या हुई कम

कोरोना संक्रमण के दोखते हुए प्रशासन ने महाकाल मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर रखी है। आम और वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ बैरेकेटिंग से ही दर्शन की व्यवस्था की गई है।

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