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Ujjain’s History: महाकाल, पाताल और मां भैरवी की गुफा, रहस्य आज भी बरकरार…

Ujjain News: यह मंदिर एक गुफा के रूप में स्थित है, जिसमें लेटकर अंदर प्रवेश करना पड़ता है। घने अंधेरे और गहरे पाताल में होने के कारण इस मंदिर को पाताल भैरवी के नाम से भी जाना जाता है।

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patal bhairavi temple at ujjain

Ujjain News: यह मंदिर एक गुफा के रूप में स्थित है, जिसमें लेटकर अंदर प्रवेश करना पड़ता है। घने अंधेरे और गहरे पाताल में होने के कारण इस मंदिर को पाताल भैरवी के नाम से भी जाना जाता है।

उज्जैन. मंदिरों के शहर में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसके बारे में आज भी रहस्य बरकरार है। महाकाल, पाताल और मां भैरवी की गुफा का रहस्य कोई नहीं जान पाया। यहां अनेकों तंत्र साधनाएं भी होती हैं।

लेटकर करना पड़ता है प्रवेश
यह मंदिर एक गुफा के रूप में स्थित है, जिसमें लेटकर अंदर प्रवेश करना पड़ता है। घने अंधेरे और गहरे पाताल में होने के कारण इस मंदिर को पाताल भैरवी के नाम से भी जाना जाता है। पाताल भैरवी की यह गुफा कालभैरव मंदिर के परिसर में मौजूद है। यहां आने वाले पर्यटक और दर्शनार्थी इसे देखकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं।

IMAGE CREDIT: patrika

शराब पीते हैं बाबा कालभैरव
महाकाल की नगरी उज्जैन में कालभैरव मंदिर के बारे में सभी जानते हैं। वे दिनभर में हजारों लीटर शराब पी जाते हैं। यह चमत्कारी मूर्ति दुनिया में और कहीं नहीं है। क्योंकि जब यह प्रतिमा शराब के प्याले भर-भर के पी जाती है, तो देखने वाले दंग रह जाते हैं। इस मंदिर की बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर भगवान काल भैरव साक्षात रूप में मदिरा पान करते हैं। भगवान भैरव को मदिरा का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है।

पहले दी जाती थी बलि
शहर से करीब 8 कि.मी. दूर क्षिप्रा के तट पर कालभैरव मंदिर स्थित है। यह मंदिर लगभग छह हजार साल पुराना माना जाता है। यह तांत्रिक मंदिर है। प्राचीन समय में यहां मांस, मदिरा, बलि आदि की प्रथाएं प्रचलित थीं। इनमें से बलि प्रथा बंद हो चुकी है, लेकिन मदिरा का प्रसाद आज भी चढ़ता है।

झूले में विराजमान हैं बाबा भैरव
मंदिर में काल भैरव की मूर्ति के सामने झूले में बटुक भैरव की मूर्ति है। बाहरी दीवारों पर अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं। सभागृह के उत्तर की ओर एक पाताल भैरवी नाम की एक गुफा भी है। जिसमें जाने के लिए आज भी कई लोग डरते और घबराते हैं।