गुरु का हाथ थामने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं
बच्चा जब अपने पिता की अंगुली पकड़कर मेला देखने जाता है, तो तरह-तरह के साजो सामान को देख कर पिता की अंगुली छोड़ देता है और फिर भटक जाता हैं। अगर पिता बच्चे का हाथ पकड़ ले तो मेला भी घूमा देता है, दुकान भी दिखा देता है और वापस अपने घर भी ले आता है। गुरु का हाथ थामने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आप अपना हाथ गुरु को पकड़ा दो तो वो आपका साथ नहीं छोड़ते।
जब अच्छे कर्म आते हैं, तो सुखी होते हैं
उक्त विचार बाबा जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे जयगुरुदेव के सप्तम भंडारे के दूसरे दिन सत्संग में बाबा उमाकान्त महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा सच्चे गुरु की तलाश कर उनसे नाम लेकर नाम की कमाई करने से ही मनुष्य की मुक्ति सम्भव है, वरना कर्मों के बंधन से कोई बच नहीं सकता। जब अच्छे कर्म आते हैं, तो सुखी होते हैं। जब बुरे कर्म आते हैं तो दुख:, तकलीफ लाते हैं। इनसे बचने के लिए ही नाम की कमाई करना होता है। जो नाम आपको दिया जा रहा है इसलिए इस नाम को सम्हाल कर रखना।
मांस मनुष्य का भोजन नहीं
महाराज ने सत्संग में कहा कि मांस मनुष्य का भोजन नहीं है। मांस खाने से मनुष्य की बुद्धि खराब हो जाती है। खून बेमेल हो जाता है। तरह-तरह की बीमारियां इंसान को हो जाती है। धर्म ग्रंथों में भी जीवों पर दया करने की शिक्षा दी जाती है। महाराज ने नामदान देने से पहले अपार जनसमूह को सदा शाकाहारी रहने का संकल्प भी दिलाया।
कैशलेस शादी
बाबा उमाकान्त महाराज के सान्निध्य में दहेज रहित शादियां भी कराई जा रही है। इसी कड़ी में नेपाल से आए चार नवयुगल महाराज के आशीर्वाद से शादी के बंधन में बंध गए। बाबा के आश्रम, भंड़ारे में दहेज नि:शुल्क एवं कैशलेस शादियां कराई जाती है।