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साईं बाबा, बागेश्वरधाम सरकार और निर्मल बाबा पर ये क्या कह दिया सीहोरवाले महाराज ने!

उज्जैन में पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा सुनने करीब 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे, साईं बाबा की पूजा पर पं. मिश्रा बोले- सनातन धर्म में देवी-देवताओं की कमी नहीं, उन्हीं को पूजे। साधारण मनुष्य पर भरोसा न करके हम भगवान पर भरोसा करेंगे तो जीवन सार्थक होगा। कृपा बरसाने वाले संत को भोलेनाथ ने पीपल के पेड़ में पहुंचा दिया।  

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पं. प्रदीप मिश्रा

सीहोरवाले महाराज पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा उज्जैन के बड़नगर रोड पर शुरू हुई।

उज्जैन. सीहोरवाले महाराज पं. प्रदीप मिश्रा की सात दिवसीय शिव महापुराण कथा मंगलवार को उज्जैन के बड़नगर रोड पर शुरू हुई। पहले दिन करीब 5 लाख लोग कथा सुनने पहुंचे। ढाई से तीन लाख क्षमता वाले तीनों डोम समय से पूर्व ही भर चुके थे, लोगों ने गर्मी में जहां छांव मिली, वहां से कथा सुनी। कथा के दौरान और मीडिया से चर्चा के दौरान कई विषयों पर बेबाक राय रखी। साईं बाबा फकीर हैं या भगवान का रूप दिया जाए की बहस पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में देवी-देवताओं की कोई कमी नहीं है। उन्हीं को पूछ (पूज) लें, यही आनंद का विषय है।

प्रश्न : सनातन धर्म से देश चले या संविधान के अनुसार। आपका क्या मत है?

पं. मिश्रा - संविधान और सनातन दोनों के साथ देश चलना चाहिए। संविधान के साथ सनातन देश चलने में ही आनंद है। हमारे देश में कई संगठन किसी न किसी रूप में सनातन की सेवा में लगे हैं।

प्रश्न : आपका कहना है, मैं भविष्यवाणी नहीं करता, पर्ची नहीं लिखता। इसका तात्पर्य क्या बागेश्वर सरकार से है?

पं. मिश्रा : हमारा मूल तत्व है, शंकर भगवान का भजन करें। क्योंकि जब वह खुद कालाधिपति बैठा है, दुनिया का भाग्य लिखने वाला वही है। राम जी की माता का हाथ देखकर बता देते हैं, कृष्ण की माता का हाथ देखकर बता देते हैं। भगवान पर भरोसा करना है। किसी साधारण मनुष्य पर भरोसा न करके हम भगवान पर भरोसा करेंगे तो जीवन सार्थक होगा।

प्रश्न : क्या चुनाव लड़ेंगे या राजनीति में आ सकते हैं।

पं. मिश्रा - कभी चुनाव लड़ना नहीं है, न ही कभी राजनीति में आना चाहता हूं। बाबा की चरणारविंग की रज मिलती रही, बाबा की सेवा होती रहे।

प्रश्न : शिव पर अर्पित जल का आचमन करना चाहिए या नहीं?

पं, मिश्रा - शिव की पूजा करना चाहिए, उन पर जल अर्पित कर तीन बार आचमन करना चाहिए। कुछ समय पूर्व एक कृपा बरसाने वाले संत सोफे से बैठकर कहते थे, घर से निकालकर शिव को पीपल के पेड़ में रख दो यानी शिव की पूजा मत करो। वर्तमान में भोलेनाथ ने कृपा बरसाने वाले बाबा को ही पीपल के पेड़ में पहुंचा दिया। इन दिनों एक और संत शिव को अर्पित जल को लेकर कुछ बातें कर रहे हैं। शिव की पूजा में ही समाज का हित है।