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राजाधिराज महाकाल ठाठ-बांट के साथ आज लोगों का जानेंगे हाल

कार्तिक-अगहन मास की सवारी : रजत पालकी में सवार होकर प्रजा को दर्शन देंगे, 10 नवंबर को हरिहर मिलन

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राजाधिराज महाकाल ठाठ-बांट के साथ आज लोगों का जानेंगे हाल

कार्तिक-अगहन मास की सवारी : रजत पालकी में सवार होकर प्रजा को दर्शन देंगे, 10 नवंबर को हरिहर मिलन

उज्जैन. सावन-भादौ की तर्ज पर राजाधिराज महाकाल का कार्तिक-अगहन मास में पहला नगर भ्रमण सोमवार को होगा। इसमें राजा महाकाल रजत पालकी में सवार होकर प्रजा को दर्शन देंगे। परंपरागत मार्गोंंं से होकर सवारी रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा के जल से अभिषेक और पूजन किया जाएगा।
पालकी में विराजित होकर पालनहार भगवान महाकाल ठाठ से निकलेंगे। इस बार कार्तिक अगहन मास में महाकाल की कुल 5 सवारियां निकलेंगी। इसे लेकर मंदिर में व्यापक तैयारियां की गई हैं। महाकाल के मुखारविंदों की साज-सज्जा की गई है। महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु के अनुसार इस बार दीपावली के अगले दिन सोमवार को सूर्योदय से करीब 3 घंटे के लिए अमावस्या तिथि रहीं। मंदिर में सोमवार की बजाए मंगलवार से शुक्ल पक्ष आरंभ होना माना गया है। इसलिए कार्तिक की पहली सवारी 4 नवंबर को निकाली जाएगी। दोपहर 3.30 बजे मंदिर के सभा मंडप में भगवान का पूजन करने के बाद सवारी रवाना होगी। 10 नवंबर को बैकुंठ चतुर्दशी पर मध्य रात्रि में गोपाल मंदिर में हरिहर मिलन होगा। रात 11 बजे महाकाल मंदिर से बाबा पालकी में विराजमान होकर गोपाल मंदिर पहुंचेंगे। जोरदार आतिशबाजी के साथ दोनों देवों का अनूठा मिलन होगा।

यह रहेगा सवारी मार्ग
महाकाल मंदिर से पालकी यात्रा आरंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए क्षिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी। यहां आरती पूजन के बाद सवारी पुन: आरंभ होकर गणगौर दरवाजे से कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होती हुई महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

सवारी कब-कब
4 नवंबर को पहली सवारी

10 नवंबर को हरिहर मिलन
11 नवंबर को दूसरी सवारी

18 नवंबर को तीसरी सवारी
25 नवंबर को चौथी सवारी