
एफएसटीपी प्लांट, रेमिडेशन और बिल्डिंग वेस्ट मटेरियल जैसे पहले प्रयोग ने दिलाया देश में 33वां स्थान
नागदा. बधाई हो...हमारे नागदा को स्वच्छता सर्वेक्षण में देश और प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ रैंक मिली है। शनिवार दोपहर जारी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों में नागदा को प्रदेश में तीसरा और देश में 33वां स्थान मिला है। बड़ी बात तो यह है कि फिलहाल परिषद भंग होकर प्रशासक के पास नपा संचालन की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद नगर पालिका स्वच्छता के मापदंडों पर खरी उतरी। यह सब जनता की समझदारी, कर्मचारियों की ताकत और संसाधनों की ताकत का नतीजा है। इसके अलावा एफएसटीपी प्लांट, रेमिडेशन और बिल्डिंग वेस्ट मटेरियल के रियूज जैसे पहली बार किए गए प्रयोग भी हमें स्वच्छता में सिरमौर बनाने में कारगर साबित हुए है।
पिछले दो सर्वेक्षण की बात करें तो 2019 में सत्त मॉनिटरिंग और सक्रियता की वजह से हम देश में 18वें स्थान पर थे। इसके बाद 2020 में तत्कालीन सीएमओ सतीश मटसेनिया व पूर्व नपाध्यक्ष अशोक मालवीय के बीच तालमेल नहीं मिलने का नुकसान शहर को चुकाना पड़ा था। इस सर्वेक्षण में उपलब्धि मिलने के बाद अब हमें आगे भी सफाई में श्रेष्ठ बने रहना है तो इसके लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित कर इस पर काम करने की जरूरत है।
ये 3 बड़ी वजह, जिससे हमें यह उपलब्धि मिली
1. डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में बदलाव
पूर्व नपाध्यक्ष शोभा गोपाल यादव के कार्यकाल से शुरू किया गया डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन अनवरत जारी है। इसमें बदलाव यह हुआ कि अब गाडिय़ों से कचरा संग्रहित किया जाने लगा। इसमें सूखा और गिला कचरा अलग-अलग इक_ा किया जाने लगा। इसके अलावा प्लॉट में कचरा फेंकने से रोकने के लिए डस्टबीन बांटे गए।
2. जनता में जागरुकता
डस्टबिन और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन से जनता में भी जागरुकता आई। इसीलिए पहले इधर-उधर कचरा फेंकने वाले लोगों में कचरा गाड़ी, डस्टबीन में कचरा डालने की आदत बनी। अब स्थिति यह है कि जब तक कचरा गाड़ी नहीं आती कचरा घर में रखे डस्टबीन में संग्रहित किया जाता है। इससे सड़क, प्लॉट से कचरा काफी हद तक कम हुआ।
3. सफाई मित्रों की सक्रियता
शहर को साफ करने में सबसे बड़ा योगदान सफाई मित्रों का रहा। सीएमओ सीएस जाट के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य अधिकारी कन्हैयालाल चौहान, स्वच्छता नोडल अधिकारी निलेश रघुवंशी, सहायक स्वच्छता निरीक्षक पवन भाटी, कुशल धौलपुरे के नेतृत्व में हर मौसम में हमारे सफाई मित्र सुबह 5 बजे से 10, दोपहर 2 से शाम 5 और रात में मुख्य मार्गो की सफाई करते थे।
पहली बार किए गए इन प्रयोग से स्वच्छता के मापदंडों पर खरे उतरे हम
- ट्रेचिंग ग्राउंड पर एमआरएफ प्लांट डाला गया। यहां करीब आठ प्रकार का कचरा अलग-अलग किया जाता है।
- एफएसटीपी प्लांट डाला गया। जिसमें ड्रेनेज से निकलने वाले मल का ट्रीटमेंट कर इससे खाद बनाई जाने लगी।
- बायो रेमिडेशन प्रक्रिया के तहत तीन जगहों पर टंकियों में केमिकल डालकर नालों के दूषित पानी को साफ कर नागदा नगर पालिका प्रदेश की पहली नगर पालिका बनी
- बिल्डिंग मटेरियल को जब्त कर सीएनडी वेस्ट में उपयोग किया था। इस मटेरियल को भराव में उपयोग किया जाने लायक बनाया गया।
पिछले दो सर्वेक्षण पर एक नजर
2019: इस वर्ष में हम देश में 18वें स्थान पर थे, क्योंकि सुबह 5 से 9 तक सफाई मित्रों की ड्यूटी थी। उस समय नपा की अन्य शाखा के अधिकारी-कर्मचारी भी मैदान में थे। इससे सड़क से लगभग तीन से अधिक कचरा पाइंट खत्म हुए। इसके अलावा उस वर्ष रुपेटा रोड पर कचरे के टीले को खत्म कर यहां संभव गार्डन विकसित किया गया। जो श्रेष्ठ रैंकिंग का बड़ा कारण बना।
2020: तत्कालीन सीएमओ सतीश मटसेनिया और पूर्व नपाध्यक्ष अशोक मालवीय के बीच तालमेल नहीं बना। जिस वजह से सर्वेक्षण के समय सफाई से जुड़े कई महत्वपूर्ण काम नहीं हो पाएं। जिसकी वजह से इस वर्ष हमें देश में 71वीं रैंक मिली थी।
अब इन 2 प्रोजेेक्ट पर काम करने जरूरत
1. नालों को अंडर ग्राउंड करना
शहर नाले खुले है। जिसके कारण बारिश में कई बार जलजमाव की स्थितियां बनती है। इसके अलावा कई लोग गिरा कचरा नालों में बहा देते है। जिससे गंदगी साफ नजर आती है। ऐसे में सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत शहर के सभी बड़े नालों को अंडर ग्राउंड करना चाहिए।
2. पॉलीथिन प्रतिबंध पर सख्ती
पॉलीथिन प्रतिबंध पर नगर पालिका अभियान तो चलाती है, लेकिन प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं होने से पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर अभियान सफल नहीं पाया। पॉलीथिन का उपयोग कम हो, इसलिए नगर पालिका कपड़े की थैली भी बांटती है। मगर सख्ती नहीं होने से की वजह से लोग फिर पॉलीथिन का उपयोग करने लगते है। ऐसे में पॉलीथिन प्रतिबंध पर सख्ती जरूरी है।
अब तक मिली रैंक पर एक नजर
वर्ष रैंक
2017 114
2018 79
2019 18
2020 71
2021 33
ये हमारी ताकत
435 सफाई मित्र
15 कचरा गाड़ी
3 डंपर
1 कम्पेक्टर मशीन
1 जेसीबी
2 ट्रॉली
प्रशासक बोले: ये नागदा वालों की समझदारी और हमारे कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है
स्वच्छता में प्रदेश में तीसरे नंबर और देश में 33वें नंबर पर आना बड़ी बात है। ये नागदावालों की समझदारी, हमारे सफाई मित्रों और अधिकारियों-कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है। आगे भी हमें स्वच्छता में सर्वश्रेष्ठ बने रहना है तो सफाई के प्रति सजग रहना होगा।
आशुतोष गोस्वामी, प्रशासक, नगर पालिका, नागदा
Published on:
21 Nov 2021 12:10 am
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