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30 साल बाद शनि का मकर राशि में प्रवेश, तब हुई थी तीन बड़ी घटनाएं

दुष्परिणाम रोकने और राष्ट्र में शांति के लिए हुआ दस दिवसीय अनुष्ठान

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30 साल बाद शनि का मकर राशि में प्रवेश, तब हुई थी तीन बड़ी घटनाएं

दुष्परिणाम रोकने और राष्ट्र में शांति के लिए हुआ दस दिवसीय अनुष्ठान

उज्जैन. हवन, जप, तप मंत्रों के साथ शनि का मकर राशि में प्रवेश हुआ। दुष्परिणाम रोकने एवं राष्ट्र शांति संकल्प के लिए दस दिवसीय अनुष्ठान त्रिवेणी स्थित न्यायपति शनिदेव मंदिर में शुक्रवार को पूर्ण हुआ। नवनिर्मित नागरिक संशोधन बिल को लेकर चल रही राजा एवं प्रजा में अस्थिरता की शांति एवं सकारात्मक परिणाम देने के लिए ग्रहों के पौधे रौपे गए। 30 वर्ष पहले मकर राशि में जब प्रवेश हुआ था, उसके 3 साल में तीन प्रमुख घटनाएं हुई थीं उनमें राजीव गांधी की मृत्यु 21 मई 91, बाबरी मस्जिद 6 दिसंबर 92, बॉम्बे बम ब्लास्ट 13 मार्च १९93 को।
अनुष्ठान के आखिरी दिन 24 जनवरी को सुबह 12.04 दोपहर पर शनि देव का आगमन मकर राशि में हुआ। इसके बाद हवन शुरू किया गया। कृष्णा गुरुजी के सान्निध्य में 51 बटुकों, ब्राह्मणों द्वारा मंत्रों के साथ प्रधान प्रशान्त द्वारा सूर्य, शनि के मंत्र एवं सभी ग्रहों के मंत्रों के साथ हवन पूर्ण हुआ।
नवग्रह वाटिका में पौधरोपण
कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में निर्मित शनि नवग्रह वाटिका में मंगल का पौधा रोपित किया गया। महापौर मीना जोनवाल ने शनि का त्रिवेणी का पौधा एवं किन्नर पलक एवं उनके समूह ने बुध का पौधा एवं जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने राहु का पौधा रोपित किया। गुरु का पौधा 105 वर्षीय राम पटेल ने रोपा। सभी ग्रहों के पौधे रोपित कर शनि नवग्रह वाटिका उज्जैनवासियों को समर्पित की। अंत में कृष्णा गुरुजी ने कहा शनि की मारक क्षमता कम करने के लिए अपने पुत्र या पुत्री के साथ समय बिताएं एवं अपने अधीनस्थ एवं नौकर को कुछ गिफ्ट दें। कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष भाविका बदलानी, तनुजा कुलकर्णी, कविता भट्ट आदि मौजूद रहे।