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उज्जैन. शनि का धनु राशि में 26 अक्टूबर से प्रवेश होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक से निकलकर गुरु की सम राशि धनु में प्रवेश करेंगे, जो 24 जनवरी 2020 तक धनु राशि में संचार करेंगे। इसके बाद वे स्वराशि मकर में प्रवेश करेंगे। शनि देव के धनु राशि में गोचर का देश-दुनिया पर व्यापक असर दिखेगा। शनि ग्रह की कुंडली में परिस्थिति अनुसार कहीं मंगल तो कहीं कष्टदायक दोनों ही प्रकार का प्रभाव देखा जा सकता है।
क्या होती है साढ़े साती
जब-जब शनि ग्रह गोचर में भ्रमण करते हुए किसी कुंडली में चन्द्र राशि से 12वीं, पहली तथा दूसरी राशि में से भ्रमण करते हैं, तब-तब साढ़े साती बनती है। शनि एक राशि से गुजरने में ढाई वर्ष का समय लेते हैं। इस तरह तीन राशियों से गुजरते हुए साढ़े सात वर्ष का समय लेते हैं जो साढ़े साती कही जाती है। शनि ग्रह के धनु राशि में गोचर से तुला की साढ़े साती समाप्त होगी, वृश्चिक राशि के लिए यह अंतिम चरण, धनु का दूसरा और मकर को शुरू होगी। मेष व सिंह का ढैया समाप्त होगा एवं वृषभ, कन्या का प्रारंभ होगा।
शनि देव को लेकर भ्रांति
ज्योतिष सीता शर्मा के अनुसार संसार में ऐसी भ्रान्ति व्याप्त है कि शनि सदैव भयावह होते हैं, किन्तु वास्तविक रूप से देखा जाए तो शनि प्रबल राजयोग के कारक होते हैं और साढ़े साती के दौरान ही अपना अच्छा फल देते हैं। यदि शनि षडाष्टक में पीडि़त है, हानिकर ग्रहों से युक्त या दृष्ट है तभी शनि की साढ़े साती बुरे फल देती है। अन्यथा शनि सबसे प्रभावशाली एवं सद्य: फल देने वाले ग्रह हैं। शनिदेव को मृत्युलोक का धर्मराज कहा जाता है। पृथ्वी पर होने वाले सद्कर्मों और दुष्कर्मों के हिसाब से दंडित करने के कारण लोग इनसे भयभीत रहते हैं। पूरे जीवन काल में दशा, साढ़े साती, ढैया सब मिलाकर शनि का प्रभाव 31 साल तक होता है। इसलिए जीवन में कुंडली के ग्रहों में अधिकतर उपाय शनि के ही किए जाते हैं।
क्या शनि जन्म से दिखाते हैं अपना असर
शनि की साढ़े साती तथा ढैया उन्हीं लोगों के जीवन में मुसीबतें लाती है, जिनकी कुंडली में शनि जन्म से ही बुरा असर दे रहे होते हैं, जबकि जिन लोगों की कुंडली में शनि जन्म से शुभ असर दे रहे होते हैं, उनके जीवन में साढ़े साती तथा ढैया का बुरा असर नहीं होता, बल्कि ऐसे लोगों को इन समयों के दौरान विशेष लाभ होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए किसी व्यक्ति विशेष के लिए शनि साढ़े साती तथा ढैय्या के असर के लिए यह देखना अति आवश्यक है कि शनि उस व्यक्ति की जन्म कुंडली में कैसा असर दे रहे हैं।
किन राशियों के लिए कष्टकारी
वृषभ और तुला लग्न वाले जातकों के लिए शनि योगकारक (केंद्र और त्रिकोण भाव का स्वामी) होने से तथा मकर और कुंभ लग्न वालों के लिए लग्नेश होने के कारण शनि की साढ़े-साती साधारण कष्टकारी होती है। धनु, मीन, मिथुन और कन्या के लिए मध्यम तथा शेष (मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक) के लिए साढ़ेसाती अधिक कष्टकारी होती है।
शनि की शांति के लिए यह करें उपाय
स्कंध पुराण के अंवतिका खण्ड में उज्जैन के स्वयं भू 84 महादेव के अंतर्गत 50वें क्रम पर स्थित श्रीस्थावरेश्वर महादेव का पूजन व अभिषेक करें, सत्य का आचरण करें, झूठी गवाही न दें, अपने अधिनस्थ कर्मचारी का ध्यान रखें, पीपल की सेवा करें, सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ करें।
किस राशि पर क्या असर
मेष - इस राशि वाले हो सकते हैं मालामाल। किस्मत खुल जाएगी, क्योंकि इस राशि से शनि का ढैया समाप्त होने जा रहा है। जो काम अटके थे उनमें तेजी बनेगी। परेशानियां समाप्त होंगी। जिनको शादी में बाधा हो रही थी उन्हें योग्य जीवन साथी मिलने के योग ? बन रहे हैं। व्यापार क्षेत्र में धनलाभ होंगे। रुका धन आएगा और नौकरी तलाश रहे लोगों को नौकरी मिलने वाली है। व्यापार में आय की वृद्धि होगी। विद्यार्थियों को पढ़ाई और कॅरियर क्षेत्र में सक्सेस मिलने लगेगी।
वृषभ- थोड़ा कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है सचेत रहें। 26 अक्टूबर से शनि के प्रभाव आपके लिए अच्छे नहीं होंगे। कोई भी कार्य करने से पहले सोच-विचार और निर्णय लेकर ही करें। अनावश्यक कर्ज लेने से बचें। अगर लंबी दूरी की यात्रा पर जाने वाले हैं तो सावधान रहें। बातचीत में सावधानी बरतें तथा किसी से व्यर्थ विवाद न करें। परिजनों के साथ तालमेल बनाकर चलें तो कष्टों से बचे रहेंगे। शनि दोष से बचने के लिए शनिवार के दिन काला लोहा, काला तिल, काला कपड़ा दान करें एवं शनिदेव को अर्पित करें।
मिथुन- शनिदेव का यह बदलाव लाभदायक होगा। अब तक जिन छोटी-छोटी परेशानी से जूझ रहे थे, उनसे मुक्त होने वाले हैं। नौकरी तलाश रहे लोगों का इंतजार खत्म होगा। व्यापार में आय के नए स्रोत बनेंगे। व्यापार में लाभ होंगे, निवेश किए हैं तो लाभ होने वाला है, लेकिन यह धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी। प्रेम संबंध अच्छे बनेंगे, दांपत्य जीवन में खुशहाली आएगी। आर्थिक परेशानियां दूर होंगी।
कर्क- आय में वृद्धि होगी। धनु राशि में शनि का प्रवेश से कर्क राशि वालों को कई सौगात मिलने वाले हैं। धन आय में कई मार्ग खुल सकते हैं। अविवाहितों को विवाह हेतु बात बनने वाली है। स्वयं का मकान, वाहन, भूमि खरीदने का अच्छे मौका आने वाला है। मन-मस्तिष्क में शांति महसूस होगी, तनाव से छुटकारा मिलेगा। सेहत में सुधार होंगे, पुराने रिश्तों के सुधार होंगे।
सिंह- बदलाव से सिंह राशि वालों को मिलने वाली हैं खुशियां। अभी तक आप पर शनि का दोष चल रहा था, लेकिन 26 अक्टूबर से यह दोष समाप्त होकर जीवन में खुशियां आने के कई अवसर हैं। तनाव कम होंगे परिवारिक एवं समाज में पद-प्रतिष्ठा की वृद्धि होगी। नौकरी पेशा लोगों को पदोन्नति होगी एवं वेतन में वृद्धि होगी। व्यापार में विस्तार होंगे। धन लाभ के योग बनेंगे। संतान पक्ष से कोई परेशानी है तो वह भी दूर होगी।
कन्या- इस राशि वालों को शनि के बदलाव से सतर्क रहना पड़ सकता है, क्योंकि इस 26 अक्टूबर से शनि का दोष हावी होने वाला है। सफलता के लिए मेहनत अधिक करना होगा। क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। शनिदोष को कम करने के लिए हर शनिवार को गरीबों को वस्त्र या अन्न दान करें, काले शिवलिंग पर दूध और गंगाजल अर्पित करें। किसी दिव्यांग व्यक्ति को भोजन कराएं।
तुला- 26 अक्टूबर से अच्छे दिनों की शुरुआत होने वाली है। पुरानी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। लंबे समय से चली आ रही बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। पैसों की बचत होगी, धन आगमन के कई रास्ते खुलेंगे। नौकरी मिलेगी, वाहन सुख मिलेगा, व्यापार अच्छे होंगे, जमीन, मकान खरीदने के अच्छे अवसर मिलेंगे। सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।
वृश्चिक- शनि के महापरिवर्तन से सावधान रहने की आवश्यकता है। इन पर शनि के दोष अभी भी चल रहे हैं। हालांकि, अब उतनी परेशानी नहीं होगी, क्योंकि इस राशि पर शनि की उतरती साढ़े साती है। यात्राओं में विशेष ध्यान रखें। किसी अनजान व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। निवेश करने से पहले उसके अच्छे-बुरे परिणामों पर विचार कर लें। सेहत पर ध्यान रखें बाहर के खान-पान से परहेज रखें तो अच्छा रहेगा।
धनु- शनि धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं इसलिए इस राशि वालों को खास ध्यान रखना होगा। शनि का दोष बनने वाला है। खासकर कटु वाणी और क्रोध पर संयम रखें। वाहन चलाते समय सावधान रहें नियंत्रित गति में ही चलाएं। शनि दोष को कम करने के लिए हनुमानजी की पूजा अर्चना करते रहें। शनिवार को हनुमानजी को चमेली के तेल में चोला चढ़ाएं। प्रत्येक मंगलवार को हनुमानजी को मीठा पान अर्पित करें।
मकर- शनि के बदलाव से अच्छे और बुरे दोनों परिणाम होने वाले हैं। मकर राशि के स्वामी शनि देव होने के कारण मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि करेंगे। पराक्रम में वृद्धि होगी। परोपकार का काम करें तो शनि देव खुश रहंगे, गलत करने पर दंड के भागी बन सकते हैं। किसी का बुरा न करें, सबके साथ अच्छा व्यवहार रखें और वाणी पर संयम रखें।
कुम्भ- भाग्य खुलेंगे। कुम्भ राशि के स्वामी शनिदेव हैं इसलिए शनि की विशेष कृपा होने वाली है। व्यापार, कारोबार, नौकरी पेशा में धन की वर्षा होने वाली है। रुका धन वापस आएगा। अचानक धन लाभ के योग बनेंगे। नया मकान, नया वाहन, विवाह का योग बनेगा। दाम्पत्य जीवन में मधुरता आएगी और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।
मीन- प्रसन्नता और खुशियां मिलेंगी। 26 अक्टूबर से राशि परिवर्तन के कारण सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी। तनाव मुक्त होकर रहेंगे मानसिक परेशानियां खत्म होंगी। भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। परिजनों और जीवन साथी के संबंध में सुधार आएगा और मधुरता बनेगी। आर्थिक कष्टों से छुटकारा मिलेगा।
Published on:
25 Oct 2017 07:55 pm
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