उज्जैन. सिंहस्थ 2016 की तैयारियों ने शहर की दशा और दिशा ही बदल दी है। आमतौर पर धार्मिक और ग्रामीण परिवेश के ताने-बाने में उलझा उज्जैन नगर अब विकसित शहर की बराबरी कर रहा है।
शहर में चारों ओर फोरलेन, ब्रिज-आरओबी का जाल, चौराहे पर नक्काशीदार डिवाइडर और फूलों से सजे बगीचे, सप्तसागरों में सौंदर्यीकरण.... मानों शहर को किसी मेट्रो सिटी का लुक दे रहा है। इस पर भी करोड़ों रुपए से मिली स्थाई सौगातें शहर को अब 20 सदी में तेजी से बढ़ते शहर के रूप में शुमार कर रही है। सिंहस्थ 2016 में भले ही कुछ दिन शेष बचे है लेकिन विकास के जो नए पैमाने गढ़े गए है वो एक नया इतिहास रच रहे है। सिंहस्थ में पांच करोड़ यात्रियों के आगमन को देखते हुए शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सौंदर्यीकरण का यह कार्य शहर को नए रूप में उभार रहा है। जगह-जगह बगीचे, एलईडी लाइट से जगमगाते चौराहे और नक्काशीदार डिवाइडर और उनपर लगे पौधे हर किसी को आकर्षित कर रहे हैं।