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सिंहस्थ ने उज्जैन को दिया मेट्रो लुक सौंदर्यीकरण से मुस्कुराया उज्जैन

चौड़ी सड़कें, चौराहे का सौंदर्यीकरण और सप्तसागरों के विकास ने दिए नए आयाम, सिंहस्थ की याद रहेगी करोड़ों रुपए की स्थाई सौगातें।

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simhastha simhastha

Feb 26, 2016

उज्जैन. सिंहस्थ 2016 की तैयारियों ने शहर की दशा और दिशा ही बदल दी है। आमतौर पर धार्मिक और ग्रामीण परिवेश के ताने-बाने में उलझा उज्जैन नगर अब विकसित शहर की बराबरी कर रहा है।

शहर में चारों ओर फोरलेन, ब्रिज-आरओबी का जाल, चौराहे पर नक्काशीदार डिवाइडर और फूलों से सजे बगीचे, सप्तसागरों में सौंदर्यीकरण.... मानों शहर को किसी मेट्रो सिटी का लुक दे रहा है। इस पर भी करोड़ों रुपए से मिली स्थाई सौगातें शहर को अब 20 सदी में तेजी से बढ़ते शहर के रूप में शुमार कर रही है। सिंहस्थ 2016 में भले ही कुछ दिन शेष बचे है लेकिन विकास के जो नए पैमाने गढ़े गए
है वो एक नया इतिहास रच रहे है। सिंहस्थ में पांच करोड़ यात्रियों के आगमन को देखते हुए शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सौंदर्यीकरण का यह कार्य शहर को नए रूप में उभार रहा है। जगह-जगह बगीचे, एलईडी लाइट से जगमगाते चौराहे और नक्काशीदार डिवाइडर और उनपर लगे पौधे हर किसी को आकर्षित कर रहे हैं।

फोरलेन
सिंहस्थ के लिए 362 करोड़ रुपए खर्च कर सड़कें बनाई गई है। इसमें करीब छह फोरलेन बनाए गए है। वहीं 78 करोड़ से सिंहस्थ बायपॉस बनाया गया है। शहर के आंतरिक मार्गों को टू-लेन में तब्दील किया गया है। यह सभी सड़कें अब शहर को मेट्रो जैसा लुक दे रहे हैं। चौड़ी सड़कों पर एलईडी की रोशनी इन पर चार चांद लगा रही है। इन सडकों से शहर का यातायात सुधरेगा तो भारी वाहन शहर में प्रवेश किए बिना जा सकेंगे।

सात मंजिला अस्पताल
शहर के मध्य में बने 450 बेड के सात मंजिला अस्पताल किसी भव्य मल्टी का अहसास करवा रही है। सिंहस्थ में मिली यह स्थायी सौगात आने वाले वर्षों तक उज्जैन के स्वास्थ्य सेवाओं के नए आयाम देगी। अस्पताल से स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी और ईलाज के नए रास्ते भी खुलेंगे।

ब्रिज-आरओबी
सिंहस्थ में करीब 200 करोड़ रुपए से 14 ब्रिज और आरओबी बनाए गए है। स्थायी निर्माण के रूप में मिली यह सौगात आने वाले समय में शहर को फैलाने और

देवास-इंदौर रोड
शहर के आंतरिक मार्ग देवास व इंदौर रोड अब टू-लेन में बदल गया है। देवास रोड पर नक्काशीदार डिवाइडर ने सड़क के सुंदरता को चार चांद लगा दिए है। ऐसे ही आगर रोड पर डिवाइडर और उनमें लगे पौधे किसी महानगर की सड़क सा अहसास करवा रहे हैं। एलईडी की रोशनी से जगमगाती सड़कें व चौराहों की खूबसूरती को और बढ़ा रहे हैं।

सप्त सागरों का विकास

सिंहस्थ के कारण सप्तसागर भी चहक उठे हैं। विष्णुसागर, सोलह सागर, रुद्रसागर व नीलगंगा तालाब में करोड़ों रुपए के कार्य से न केवल नया जीवन दान दिया है बल्की पिकनिक स्पॉट के रूप में भी बदल दिया है। तालाबों में रंगीन लाइटें ने इनका रूप निखार दिया है।

चौराहों की बदली सूरत
सिंहस्थ ने शहर के प्रमुख चौराहों की सूरत बदल दी है। चामुंडा माता चौराहे पर बने बगीचा शहर की गंगा-जुमना तहजीब को बढ़ा रहा है तो नानाखेड़ा पर समुद्र मंथन शहर के प्राचीन इतिहास से रूबरू करवा रहा है। नीलगंगा पर पेशवाई निकलते साधु-संतों के

मंदिर में हो रहा करोड़ों का निर्माण
सिंहस्थ पर्व भगवान महाकाल के बगैर अधूरा है। सिंहस्थ में महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाए गए है। इसमें नंदी हॉल का विस्तार, महाकाल टनल, पिछला गेट और धर्मशाला का विस्तार प्रमुख है।