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तीन प्रस्ताव में उलझा तरणताल, अभी भी तय नहीं कि कैसा बनेगा

जीर्णोद्धार के नाम पर नगर निगन ने देवासरोड स्वीमिंगपूल को चार साल से शहरवासियों से दूर कर रखा है। इस दौरान कई बार प्रस्ताव में बदलाव आए लेकिन निगम अब तक इसकी डिजाइन फाइनल नहीं कर पाया है। एक वर्ष में ही अब अलग-अलग लागत के तीन प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं लेकिन निर्णय होना बाकी है।

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तीन प्रस्ताव में उलझा तरणताल, अभी भी तय नहीं कि कैसा बनेगा

जीर्णोद्धार के नाम पर नगर निगन ने देवासरोड स्वीमिंगपूल को चार साल से शहरवासियों से दूर कर रखा है। इस दौरान कई बार प्रस्ताव में बदलाव आए लेकिन निगम अब तक इसकी डिजाइन फाइनल नहीं कर पाया है। एक वर्ष में ही अब अलग-अलग लागत के तीन प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं लेकिन निर्णय होना बाकी है।

उज्जैन. जीर्णोद्धार के नाम पर नगर निगन ने देवासरोड स्वीमिंगपूल को चार साल से शहरवासियों से दूर कर रखा है। इस दौरान कई बार प्रस्ताव में बदलाव आए लेकिन निगम अब तक इसकी डिजाइन फाइनल नहीं कर पाया है। एक वर्ष में ही अब अलग-अलग लागत के तीन प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं लेकिन निर्णय होना बाकी है।

देवासरोड स्थित तरणताल जीर्णशीर्ण होने के चलते वर्ष २०१९ में निगम ने इसके रिनोवेशन की योजना मंजुर की थी। तब से अब तक प्रस्ताव में कई बदलाव हो चुके हैं। कुछ महीने पूर्व निर्माण एजेंसी तय होने के बाद फिर नया प्रस्ताव आने से प्रोजेक्ट का श्रीगणेश नहीं हो पाया। अब नए प्रस्ताव के आधार पर रीवाइज डीपीआर तैयार की गई है। मंजूरी के लिए इस डीपीआर को मेयर इन काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। इसलिए अभी भी स्वीमिंगपूल की ड्राइंग डिजाइन पर अंतिम मुहर नहीं लगी है। प्रयास यह भी है कि निर्माण की कुछ राशि स्मार्ट सिटी के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाए। ऐसे में प्रस्ताव के चयन में स्मार्ट सिटी कंपनी का निर्णय भी मायने रखेगा।

तीन प्रस्ताव तीन लागत

3.50 करोड़ रुपए- 21 बाय 50 मीटर आकार का पुल तैयार होना था। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के साथ टेंडर प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई थी। अंतराष्ट्रीय मानक का स्वीमिंगपूल बनाने का प्रस्ताव आने के कारण इस डिजाइन पर काम शुरू नहीं हुआ।

5.10 करोड़ रुपए- पूर्व डिजाइन की तुलना में स्वीमिंगपूल का आकार बढ़ाकर 25 बाय 50 मीटर करने का प्रस्ताव बनाया गया। इसे अंतर्राष्ट्रीय मानक के आधार पर तैयार किया गया।

5.25 करोड़ रुपए- अंतराष्ट्रीय मानकों के आधार पर तैयार डिजाइन में विद्युत संबंधित कुछ आइटम में बदलाव किया गया। इससे प्रोजेक्ट लागत ५ करोड़ २५ लाख आंकी गई। इस आधार पर रीवाइज डीपीआर तैयार हो गई जिसे मंजुरी के लिए एमआइसी में रखेंगे।

चार साल से ऐसे रेंग रहा प्रोजेक्ट

12 फरवरी 2019 में एमआइसी ने निर्णय लिया कि क्षतिग्रस्त तरणताल को तोड़कर नया तरणताल बनाया जाए। इसके लिए संभावित बजट दो करोड़ स्वीकृत किया

एमआइसी के इस ठहराव के आधार पर निगम परिषद ने २८ फरवरी २०१९ को जल्द कार्य शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया।

इस आधार पर 3.47 करोड़ रुपए की डीपीआर कार्यालय को प्रस्तुत की गई।

टेंडर, पुराने भवन में संचालित अन्य संस्थान के स्थान आदि को लेकर फिर एमआइसी में प्रस्ताव आए।

कोरोन काल में कुछ कार्य नहीं हुए।

वर्ष 2021-22 में टेंडर प्रक्रिया की लेकिन काम शुरू नहीं किया।

बाद में एजेंसी तय हुई लेकिन स्वीमिंगपुल की डिजाइन को लेकर नए सिरे से मंथन शुरू हुआ। इसके चलते काम प्रारंभ नहीं हो सका।

अंतराष्ट्रीय मानकों के आधार पर पुल बनाने के लिए अब रिवाइज डीपीआर तैयार की गई है।

पूर्व में 3.50 करोड़ रुपए से निर्माण कार्य होना था। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार स्वीमिंगपूल को तैयार करने के लिए 5.50 करोड़ रुपए की रिवाइज डीपीआर तैयार की गई है जिसे एमआइसी के समक्ष रखा जाएगा।

मनोज राजवानी, जोनल अधिकारी ननि

फूड जोन भी अधर में

तरणताल के नजदीक ही बना निगम के फूड जोन का भविष्य भी अधर में हैं। घाटे के चलते यहां की अधिकांश दुकानें बंद रहती हैं। कुछ महीने पूर्व इन दुकानों को आगे शिफ्ट करने पर विचार हुआ था। चर्चा यह भी कि गई थी कि स्वीमिंगपुल विकास के प्रोजेक्ट में ही फूडजोन विकास को भी शामिल कर लें, रिवाइज डीपीआर में यह शामिल नहीं है। यदि फूडजोन की दुकानों का स्थान बदला जाता है तो इसके लिए पहले विस्थापन की सक्षम अनुमति लेना होगा। फिलहाल विस्थापन पर सक्षम निर्णय नहीं हुआ है।