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विक्रम विवि की सेंट्रल लाइब्रेरी में ‘किताबी ज्ञान’ चट कर रहे दीमक

मेजर जनरल ने सेंट्रल लाइब्रेरी की स्थिति पर जताया दु:ख, सोशल मीडिया पर जारी किया वीडियो, कुलपति बोले-शिकायत पर ध्यान देंगे

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Termites eating 'book knowledge' in the Central Library of Vikram Univ

मेजर जनरल ने सेंट्रल लाइब्रेरी की स्थिति पर जताया दु:ख, सोशल मीडिया पर जारी किया वीडियो, कुलपति बोले-शिकायत पर ध्यान देंगे

उज्जैन. शहर की ज्ञान विरासत की धनी विक्रम विश्वविद्यालय की महाराजा जीवाजीराव पुस्तकालय के हालात बदतर हैं। इस पीड़ा को मेजर जनरल राजेंद्र सिंह ठाकुर ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर जाहिर किया है। मेजर जनरल बोले, 'विक्रम विवि के महाराजा जीवाजीराव पुस्तकालय में अक्टूबर और गत महीने करीब 20 दिन गुजारे। पुस्तकालय में दीमकों को किताबें खाते देख दु:ख हुआ। किताबें एक-दूसरे से चिपकी हुई हैं। पढऩे का माहौल भी बहुत खराब है।
पढऩे का माहौल तक नहीं, बहुत पीड़ा हुई
बटियागढ़ ब्लॉक के गढ़ोला खाड़े में रहने वाले मेजर जनरल राजेंद्र सिंह ठाकुर मूल रूप से उज्जैन के ऋषिनगर क्षेत्र के निवासी हैं। वह दो वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दरअसल, मेजर जनरल एक रिसर्च को लेकर अक्टूबर 2022 में उज्जैन आए और विक्रम विवि की सेंट्रल लाइब्रेरी पहुंचे थे। वहां रखी किताबें देखकर उन्हें पीड़ा हुई। लाइट व्यवस्था और पढऩे का माहौल खराब देखकर उनसे रहा नहीं गया और इसे लेकर उन्होंने यू ट्यूब पर शहरवासियों से अपील की।
महाराजा जीवाजीराव पुस्तकालय
लाइब्रेरी में है 57 वर्ष का कलेक्शन
विभिन्न विषयों की किताबें हैं करीब 1.92 लाख
किताबों की कीमत 15 पैसे से लेकर3.5 लाख तक
अध्ययनशाला में हैं 6.5 हजार छात्र
उज्जैन से अपील
उज्जैनवासियों से अपील है, लोग अपने स्तर पर सक्रिय होकर लाइब्रेरी के उद्धार में सहायक बनें। विवि के कुलपति और लाइब्रेरी स्टाफ की मेहनत व कोशिश के बावजूद ऐसे हालात हैं। लाइब्रेरी में स्टाफ नहीं है, फंड्स की कमी है। उज्जैन के बच्चों को अच्छा माहौल मिले, यह जवाबदारी विक्रम विवि के साथ हमारी भी है।
मेजर जनरल राजेंद्र सिंह ठाकुर
दीमक लग गए हैं...
मेजर जनरल साहब का वीडियो देखा, सुना। हालांकि मुझे बहुत खुशी है, विक्रम विवि के लिए गौरव की बात है कि आज समाज जुड़ रहा है। लॉकडाउन पीरियड में लाइब्रेरी बंद रहने से दीमक लग गई। लाइब्रेरी में बहुत दीमक हैं, जिससे किताबों को नुकसान भी हुआ है। समस्या हल करने का प्रयास करेंगे।
प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति, विक्रम विवि