
छत्री चौक में एक व्यापारी ने निगम गैंग से प्रताडि़त होकर जहर खाकर जान दे दी। व्यापारी क्षेत्र में दुकान लगाना चाहता था लेकिन निगम गैंग के द्वारा दुकान नहीं लगाने दी जा रही थी।
उज्जैन। छत्री चौक में एक व्यापारी ने निगम गैंग से प्रताडि़त होकर जहर खाकर जान दे दी। व्यापारी क्षेत्र में दुकान लगाना चाहता था लेकिन निगम गैंग के द्वारा दुकान नहीं लगाने दी जा रही थी। आरोप है कि निगम गैंग के सदस्यों द्वारा एक दिन पहले व्यापारी के बेटे के साथ मारपीट की थी और शनिवार को उसके साथ विवाद किया। इससे आहत होकर आत्महत्या कर ली। व्यापारी की मौत पर गुस्साए अन्य व्यापारियों ने शव रखकर प्रदर्शन किया और आरोपी के मकान तोडऩे और मुआवजा देने की मांग की।
खाराकुंआ पुलिस ने बताया कि ११४ वृदांवनपुरा निवासी राम (४५) पिता नंदराम बांबीवल ने शनिवार दोपहर को जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसे उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि वह छत्री चौक पर दुकान लगाता था। पिछले दिनों निगम द्वारा दुकान हटा दी गई थी। इसके बाद से वह परेशान था और राखी के त्योहार को देखते हुए दोबारा से दुकान लगाना चाह रहा था। आरोप है कि निगम गैंग द्वारा उसे दुकान नहीं लगाने दी जा रही थी। एक दिन पहले व्यापारी राम बांबीवाल के बेटे के साथ निगम गैंग द्वारा हाथापाई भी की गई थी। वहीं शनिवार को जब दोबार दुकान लगाने की कोशिश को तो उसके साथ निगम गैंग कर्मियों की ओर से विवाद किया गया। इससे आहत होकर राम बांबीवाल ने जहरीला पदार्थ खा लिया। खाराकुआं पुलिस ने बताया कि मर्ग कायम कर जांच में लिया है। जांच उपरांत जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शव रखकर किया विरोध
व्यापारी राम बांबीवाल की मौत होने पर गुस्साए व्यापारी और परिजनें ने शव रखकर किया प्रदर्शन किया। व्यपारियों को कहना था कि निगम गैंग की प्रताडऩा से मौत हुई। मामले में क्षेत्र के निगम गैंग प्रभारी आशीफ पहलवान पर परेशान करने के आरोप भी लगे। बाद में पुलिस की समइाइश पर लोग व्यापारी का शव घर ले गए। बाद में व्यापारियों ने कार्रवाई नहीं होने पर गोपाल मंदिर पर भी प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन्हें कार्रवाई का आश्वासन देकर हटाया।
रुपए देकर दुकान लगाने का धंधा
छत्री चौक पर फूटपाथ पर दुकान लगाने के पीछे रुपए वसूली का मामला सामने आ रहा है। व्यापारी बता रहे हैं कि निगम अधिकारी रुपए देकर दुकान लगाने की अनुमति देते है। यदि कोई रुपए नहीं देता है तो उसकी दुकान नहीं लगने दी जाती। जबकि सभी छोटे दुकानदार है और छोटी पूंजी पर धंधा करते हैं। बाजवूद इनसे रुपए की वसूली की जाती है। रुपए नहीं देने पर धमकाने व सामान जप्ती की जाती है।
इनका कहना
व्यापारी के जहर खाकर आत्महत्या की घटना दुखद है। पुलिस की जांच में अगर काई निगमकर्मी की भूमिका आती है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
- मुकेश टटवाल, महापौर
Published on:
28 Aug 2023 06:29 pm
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