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Ujjain जिला अस्पताल में शुरू नहीं हुई टोकन व्यवस्था, पर्ची लेकर ही घूम रहे मरीज

विडंबना: दो महीने पहले लगा सिस्टम चालू नहीं हो सका, धूल खा रही मशीन, कारण-कर्मचारियों की ट्रेनिंग नहीं होना

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Ujjain जिला अस्पताल में शुरू नहीं हुई टोकन व्यवस्था, पर्ची लेकर ही घूम रहे मरीज

Ujjain जिला अस्पताल में शुरू नहीं हुई टोकन व्यवस्था, पर्ची लेकर ही घूम रहे मरीज

उज्जैन. ओपीडी की व्यवस्था सुधारने को जिला अस्पताल में टोकन मशीन तो लगा दी लेकिन लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है। दो महीने बाद भी टोकन सिस्टम शुरू नहीं हो पाया। मरीज और परिजन को पर्ची लेकर डॉक्टर के कक्ष के चक्कर लगाना पड़ रहे हैं। ओपीडी के समयक्रम से मरीजों का परीक्षण नहीं होने पर कई बार विवाद की स्थिति बनती है।
मरीजों की भीड़ के कारण व्यवस्था होती है प्रभावित
जिला अस्पताल में रोज 650 से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है। चिकित्सक से स्वास्थ्य परीक्षण कराने से पूर्व इन्हें ओपीडी काउंटर से रसीद बनाना पड़ती है। इसके बाद संबंधित डॉक्टर के पास जाना होता है। डॉक्टर के कक्ष में पहले से मरीजों की भीड़ होने से अपनी बार का इंतजार करना पड़ता है। कई बार बाद में आए मरीज की जांच पहले होने से विवाद की स्थिति बनती है। इसके अलावा कक्ष में मरीजों की भीड़ के कारण व्यवस्था प्रभावित होती है। व्यवस्था सुधारने के लिए स्वास्थ्य प्रशासन ने जिला अस्पताल में टोकन सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। टोकन जनरेट मशीन, डिस्प्ले स्क्रीन आदि लेने के बाद दो महीने पूर्व इन्स्टॉलेशन भी करा लिया। इसके बावजूद अब तक व्यवस्था लागू नहीं की जा सकी है। इसके पीछे मुख्य कारण कर्मचारियों की ट्रेनिंग नहीं होना है। ऐसे में मशीन धूल खा रही है वहीं मरीज या परिजन को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
टोकन व्यवस्था शुरू होने के बाद यह होगा
पूर्व की तरह मरीज को जांच के लिए ओपीडी काउंटर से रसीद बनवाना होगी।
काउंटर के सामने टोकन मशीन लगी है। मशीन के जरिए टोकन जनरेट करना होगा। यह बैंक की प्रकिया के ही समान है।
टोकन से उसे एक नंबर प्राप्त होगा। यही उसके परीक्षण का क्रम रहेगा।
टोकन मशीन के ऊपर व ओपीडी कक्ष में अलग-अलग एलइडी लगी है। इन एलइडी पर क्रमवार मरीजों के टोकन नंबर प्रदर्शित होते रहेंगे।
टोकन में दिया नंबर एलइडी पर प्रदर्शित होने पर संबंधित मरीज स्वास्थ्य जांच कराने चिकित्सक के पास जा सकेगा।
टोकन नंबर नहीं आने तक मरीज को अनावश्यक परेशान नहीं होना पड़ेगा।