
विकास की भेंट नहीं चढ़े पेड़, हमने दिया नया जीवन...
उज्जैन. शहर में विकास कार्यों के बीच आ रहे पेड़ों को नया जीवन मिला है । इन पेड़ों का अस्तित्व खत्म नहीं करते हुए इन्हें ट्रांसप्लांट किया गया है। शहर में पांच पेड़ अब नए सिरे सांस ले पा रहे हैं। उम्मीद है कि अगले दिनों में यह पेड़ फिर अपने नए रूप में छांव बिखरते नजर आएंगे।
जी हां..ऐसा नगर निगम द्वारा केडी गेट चौड़ीकरण, महाकाल मंदिर टनल निर्माण व आंधी-तूफान के कारण गिरे पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने से हुआ है। पहली बार है कि विकास कार्यों के दौरान पेड़ों को काटने की बजाय सहेजने का काम किया है। निगम ने केडी गेट चौड़ीकरण तथा महाकाल मंदिर मार्ग व टनल निर्माण में आ रहे तीन पेड़ों को शिफ्ट किया है। इसी तरह आंधी-तूफान से छोटा सराफा व हार-फूल की गली में गिरे दो पेड़ों को नए सिर से ट्रांसप्लांट किया गया। यह सभी पेड़ बड़े होकर हरे-भरे थे। इनके काटने को लेकर स्थानीय लोगों से लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने सहेजने की मांग की थी।
इसी के बाद निगम ने इन्हें ट्रांसप्लांट किया। बड़ी बात यह कि सारे पेड एक से ड़ेढ महीने के दौरान निगम ने लगाए हैं।
गहरा गड्ढा, खाद् और रोजाना पानी...जीवित होने लगे पेड़
उद्यान विभाग प्रभारी उपयंत्री विधुरानी कौरव ने बताया कि जिन पेड़ों को दोबारा से ट्रांसप्लांट किया है, वह जड़ सहित थे। ऐसे में गहरा गड्ढा, गोबर की खाद डालकर इन्हें रोपा गया। बाद में लगातार पानी देते रहे। महाकाल से डेढ़ महीने पहले ट्रांसप्लांट किए पेड़ जीवित होने लगा है,इसमे कोपल भी आने लगी है। कौरव के अनुसान जब पेड़ का तना गीला होने लगता है तो उसके पुन: जीवित की उम्मीद हो जाती है।
एक पेड़ निगम परिसर में तो 4 नगर वन में
निगम के उद्यान विभाग ने केडी गेट चौड़ीकरण में आ रहे पीपल के पेड़ को नगर निगम परिसर में ट्रांसप्लांट किया है। वहीं छोटा सराफा, फ्रीगंज व महाकाल टनल तथा महाकाल मैदान के पेड़ों को चामुंडा माता मंदिर के सामने स्थित नगर वन में रोपित किया गया है। निगम द्वारा नगर वन ५ हैक्टेयर में विकसित किया जा रहा है। अगले दिनों में विकास कार्यों में या बारिश-आंधी में गिरने वाले पेड़ों को इसी तरह ट्रांसप्लांट किया जाएगा।
& केडी गेट चौड़ीकरण की जद में आ रहे पेड़ की सूचना हमें मिली थी। उद्यान विभाग की टीम ने इसे निगम परिसर में ट्रांसप्लांट किया। ऐसे ही चार अन्य पेड़ भी नगर वन में लगाया गया है। उम्मीद है जल्द ही यह पुन: जीवित होंगे। - - शिवेंद्र तिवारी, उद्यान विभाग प्रभारी
Published on:
15 Jun 2023 01:55 am
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