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पूर्व जेल अधीक्षक राजे, जगदीश और प्रहरी देवेन्द्र कैदियों से करते थे वसूली

केंंद्रीय भैरवगढ़ जेल गबन मामले में नया खुलासा, देर रात इंदौर के कैदी की शिकायत पर पुलिस ने दर्ज किया केस, बिचौली मर्दाना का सटोरिया भी पकड़ाया, उष राजे और जगदीश सहित राजे की बेटी के तीन बैंको में आधा दर्जन लॉकर सामने आए, सोमवार सुबह बैंक खुलने के बाद जांच होगी।

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पूर्व जेल अधीक्षक राजे, जगदीश और प्रहरी देवेन्द्र कैदियों से करते थे वसूली

पूर्व जेल अधीक्षक राजे, जगदीश और प्रहरी देवेन्द्र कैदियों से करते थे वसूली

उज्जैन. केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में करीब 15 करोड़ पीएफ (भविष्य निधि) गबन कांड की जांच के बीच नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शनिवार को पता चला कि गबन कांड की प्रमुख आरोपी पूर्व जेल अधीक्षक उषा राजे, जगदीश परमार और जेल के प्रहरी मिलकर कैदियों के परिजन से लाखों की वसूली करते थे। रुपए नहीं मिलने पर कैदियों को प्रताडि़त किया जाता था और रुपए देने वाले कैदियों को सुविधाएं मुहैया कराई जाती थी। हत्या की सजा काट रहे कैदी के इंदौर निवासी पुत्र ने एसपी सचिन शर्मा और एएसपी इंद्रजीत बाकलवार को शिकायत की। युवक ने कहा कि जगदीश, उषा राजे और जेल प्रहरी देवेन्द्र सिंह ने धमकाकर मेरे पिता का बैरक बदल दिया। सुविधाओं वाले बैरक में रखने के बदले पहले ३० हजार और फिर ५० हजार रुपए वसूले। इसके बाद हर माह रुपए की मांग करते थे। इस शिकायत के बाद एसपी ने पीडि़त को भैरवगढ़ थाने भेजा, जहां देर रात पुलिस ने तीनों के खिलाफ ३८४, ३८५, ३८६, ३४ के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने संभावना जताई कि ऐसे और भी मामले सामने आ सकते हैं।धमकाकर बैरक अ से ब में भेजा

इंदौर निवासी करण सिंह राणा ने एसपी को बताया कि पिता गुरजीत सिंह राणा गंभीर अपराध में २०१८ से केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। २०२२ में पिता को बेरक अ से ब में डाल दिया और प्रताडि़त किया। इसके बाद तत्कालीन जेल अधीक्षक उषा राजे, जगदीश और प्रहरी देवेन्द्र सिंह ने सुविधाओं के लिए पिता गुरजीत सिंह से रुपए मांगे। पिता ने रुपए देने से इनकार किया तो परिजन से मुलाकात और अन्य सामान देने पर रोक लगा दी। इसके बाद उन्हें जेल में प्रताडि़त किया, हमें कई बार मिलने से रोका। प्रहरी देवेन्द्र और जगदीश ने कहा कि जेल में रहना है, तो रुपए लगेंगे। एक बार ३० हजार और दूसरी बार ५० हजार रुपए दिए तब कहीं जाकर पिता को परेशान करना छोड़ा। सुविधाओं वाले बैरक में पिता को रखने के एवज में प्रतिमाह १० हजार रुपए की मांग की।आरोपियों के खिलाफ नया केस

आरोपी उषा राजे, जगदीश परमार और जेल प्रहरी देवेन्द्र सिंह के खिलाफ ३८४, ३८५, ३८६ की धारा में केस दर्ज किया है। तीनों इंदौर के एक कैदी के परिजन को धमकाकर वसूली कर रहे थे।

- डॉ. इंद्रजीत बाकलवार, एएसपी और एसआइटी प्रभारी

इंदौर का सटोरिया महू से गिरफ्तार

जेल पीएफ गबन कांड में पुलिस एसआइटी ने बिचौली मर्दाना (इंदौर) निवासी सटोरियो को देर रात महू से गिरफ्तार किया। इसके खाते में आरोपी रिपुदमन ने लाखों रुपए ट्रांसफर कर रुपए कैश कराए थे। सीएसपी अनिल मौर्य का कहना है, आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं। लाखों रुपए की रिकवरी होने की संभावना है। आरोपी धर्मेन्द्र लोधी और शैलेन्द्र सिकरवार की तलाश जारी है, जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

- बॉक्स में देंआरोप - राजे केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में रोज करती थी एक लाख रुपए की वसूली

भैरवगढ़ जेल में बंद कैदियों के परिजन से उषा राजे दो साल से वसूली कर रही थी। इसके लिए कैदियों को प्रताडि़त कर परेशान किया जाता था। रुपए नहीं देने वाले कैदियों को बेरक ब में रखा जाता था। इस काम के लिए जगदीश लगातार कैदियों को जेल प्रहरियोंं के साथ डराता धमकाता था। आरोप है कि आरोपियों ने एक लाख रुपए रोज जेल के कैदियों से वसूलने का टॉरगेट रखा था। जो प्रहरी साथ नहीं देते, राजे उनका ट्रांसफर कर देती थी। पिछले दिनों प्रहरियों ने कलेक्टर जनसुनवाई में शिकायत की थी। इसकी जांच जारी है।- अधिकारियों ने की जगदीश को रिवाल्वर के लाइसेंस की अनुशंसा

इधर, सामने आया है कि जिले के अधिकारियों ने जगदीश परमार को रिवाल्वर का लाइसेंस देने की अनुशंसा कर गृह मंत्रालय को टीप लीख आवेदन भेजा था। जगदीश गिरफ्तार नहीं होता तो उसे रिवाल्वर का लाइसेेंस जारी हो सकता था।