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उमा भारती ने कहा- उनके कहने पर मैं साड़ी पहनने को भी तैयार, महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं

locationउज्जैनPublished: Jul 30, 2019 03:20:14 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

उमा भारती ने सावन की महाशिवरात्रि में महाकाल के दर्शन किए हैं।
उमा भारती के पहनावे को लेकर पुजारियों ने आपत्ति जताई है।

Uma bharti

उमा भारती ने कहा- उनके कहने पर मैं साड़ी पहनने को भी तैयार, महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं

उज्जैन . महाकाल मंदिर में उमा भारती के पहनावे को लेकर बवाल मचा हुआ है। सावन शिवरात्रि में उमा भारती महाकाल के मंदिर में पूजा करने के लिए महाकाल पहुंची थीं। उमा भारती यहां भगवा धारण कर मंदिर में पहुंचीं थीं। उसके बाद वहां के पुजारियों ने उनके पहनावे पर आपत्ति जताई है। पुजारियों को कहना है कि उमा भारती भले ही मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम रहीं हों पर उन्हें भी मंदिर की परंपरा के अनुसार गर्बगृह में पूजा करने के लिए साड़ी पहनकर आना चाहिए। वहीं, उमा भारती ने कहा है कि मुझे साड़ी पहनने में कोई आपत्ति नहीं है।
https://twitter.com/umasribharti/status/1156088163770626048?ref_src=twsrc%5Etfw
 

क्या कहा उमा भारती ने
उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- मुझे पुजारियों द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड पर कोई आपत्ति नहीं है, मैं जब अगली बार मंदिर में दर्शन करने आऊंगी तब वह यदि कहेंगे तो मैं साड़ी भी पहन लूंगी। मुझे तो साड़ी पहनना बहुत पसंद है तथा मुझे और खुशी होगी यदि पुजारीगण ही मुझे अपनी बहन समझकर मंदिर प्रवेश के पहले साड़ी भेंट कर दें मैं बहुत सम्मानित अनुभव करूंगी।
युद्ध कला में परांगत
उमा भराती ने ट्वीट करते हुए कहा- उज्जैन में महाकाल स्वयं अपनी शक्ति से तथा यहां के पुजारियों की परंपराओं के प्रति निष्ठा के कारण बने हुए हैं। यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि महाकाल के पुजारी युद्ध कला में भी पारंगत हैं वह महाकाल के सम्मान की रक्षा के लिए जान न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। ऐसे महान परंपराओं के रक्षकों की हर आज्ञा सम्मान योग्य है उस पर कोई विवाद नहीं हो सकता।
https://twitter.com/umasribharti/status/1156088160025108481?ref_src=twsrc%5Etfw

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल
बारह ज्योत्रिलंगो में से एक महाकाल मंदिर ही एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां हर दिन प्रात: भस्म आरती की जाती है। उसके लिए बाकायदा ड्रेस कोड है। जब मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश बंद होता है तब भी अगर कोई अंदर जाकर दर्शन करता है तो महिलाएं गर्भगृह में सिर्फ साड़ी पहनकर ही प्रवेश कर सकती हैं। वहीं, पुरुष धोती पहनकर प्रवेश कर पाते हैं। महाकाल के मंदिर में उमा भारती के पहनावे को लेकर पुजारी महेश ने सवाल खड़े किये और कहा कि मंदिर समिति का महिलाओं के लिए ड्रेस कोड साड़ी है और यह साध्वियों पर भी लागू होता है। पंडित महेश पुजारी का कहना है कि ना सिर्फ साध्वी उमा भारती बल्कि मंदिर में आने वाली सभी साध्वियों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए।

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