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उज्जैन के पूर्व विधायक वशिष्ठ ने अपने बड़े बेटे प्रवीण को क्यों कहा…धोखेबाज

वशिष्ठ परिवार के कुल में कलह: एमआइटी कॉलेज में करोड़ों का गबन तो बोगस कंपनी में निवेश का लगाया आरोप

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Why did former Ujjain MLA Vashishtha call his elder son... a fraud.

वशिष्ठ परिवार के कुल में कलह: एमआइटी कॉलेज में करोड़ों का गबन तो बोगस कंपनी में निवेश का लगाया आरोप

उज्जैन। कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक महावीर प्रसाद वशिष्ठ के परिवार में हुई कलह रविवार को सामने आ गई। ८२ वर्षीय महावीरप्रसाद स्वयं अपने बड़े बेटे प्रवीण वशिष्ठ (पप्पू भै़य्या)के कारनामों से तंग आकर मीडिया के सामने और सनसनीखेज आरोप लगाए। वशिष्ठ ने बेटे के चरित्र पर सवाल उठाए और उसे बिगड़ा बेटा तक बता दिया। वशिष्ठ का आरोप है कि इसने एमआइटी कॉलेज की आड़ में करोड़ों रुपए का गबन किया है। इस गबन के लिए माला अग्रवाल (लड्ढा)का साथ लिया और इसके माध्यम से करोड़ोंं रुपए बोगस कंपनियों में लगाया। बुजुर्ग वशिष्ठ का दुख इस बात से भी था कि एमआइटी को लेकर उन्होंने अपने जीवनभर की पूंजी और प्रतिष्ठा खर्च की उसी की पैरेंट संस्था प्रसार एंव सेवा शिक्षण संस्था से उन्हें और परिवार के सदस्य को बेदखल कर दिया। अपने बेटे की इस हकरत से नाराज वशिष्ठ का कहना था कि पहले परिवार की बदनामी के डर से चुप रहा, लेकिन अब बोलना जरूरी हो गया था, इसलिए मीडिया के सामने आया हूं। अब इसके गलत कार्यों की एजेंसियों के माध्यम से जांच करवाउंगा। इस दौरान छोटे बेटे आलोक वशिष्ठ और एमआइटी के विधि सलहाकार सुनील श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

50 लाख और 50 बीघा जमीन दी..फिर ऐसी हरकत
महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने बताया कि मैंने प्रवीण वशिष्ठ के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज खुलवाया। उसने इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी जब उससे पूछा तो बोला कि मेरा रुपए नही हैं। इस पर मैंने कॉलेज खोलने की मंशा जताई और कॉलेज के लिए एआइसीटी में 50 लाख रुपए जमा किए। सबसे छोटे बेटे आलोक की 50 बीघा जमीन कॉलेज के लिए दी। बाद में कॉलेज पर २४ करोड़ का कर्ज हो गया तो उसे उतारने में मदद की। बावजूद इसके प्रवीण ने हमें संस्था से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
महिला कर्मचारी माला के खाते से किया गबन
वशिष्ठ ने बताया कि एमआईटी में कार्यरत कर्मचारी माला अग्रवाल (लड्डा) कालेज का एक खाता पंजाब नेशनल बैंक में मेंटेंन करती है। इस खाते का सारा ट्रांजेक्शन माला द्वारा ही देखा जाता है। इसी खाते से गबन हो रहा है। क्योंकि विद्यार्थी से जो शिक्षा के नाम पर पैसा आता है उसे बोगस संस्थाओं (इंफ्रास्ट्रक्चर) में लगाकर प्रसार शिक्षण सेवा संस्थान की प्रतिष्ठा पर दाग लगाया गया। इसने फ्रीगंज में करोड़ों रुपए मूल्य के दो मकान भी बेच दिए।
तीनों बेटों में बंटवारे के बाद भी दिया धोखा
वशिष्ठ ने बताया कि मैंने अपने तीनों बेटे प्रवीण, राजेंद्र व आलोक को एमआइटी का बंटवारा किया था। इसमें प्रवीण वशिष्ठ को दोनों इंजीनियरिंग कॉलेज, राजेंद्र वशिष्ठ को फार्मेसी कॉलेज तथा आलोक को आलोक इंटरनेशनल स्कूल तथा एमबीए कॉलेज दिया। तीन साल पहले हुए बंटवारे में चार्ज भी दिलाया। एमआईटी में चल रहे दोनों संस्थानों का आलोक को अभी तक एक पैसा नहीं दिया। जबकि दोनों संस्थानों का चार्ज होने से वहां का पूरा खर्च आलोक वहन कर रहे हैं। बंटवारे के बाद भी प्रवीण ने मुझे और परिवार को धोख दिया।
यह भी लगाए आरोप
- एमआइटी में नियम विरूद़् कार्य चल रहे हैं।
- संस्थान के एक्ट में प्रावधान है कि बगैर कारण बताए सदस्य को बगैर सूचना के निकाल दिया गया।
- भोपाल के एक अखबार में लड़कियों के अश्लील फोटो प्रकाशित हुए थे। इसमें धर्मेंद्र गुप्ता के बारे में था। इस पर मुझसे एमआइटी का संबंध होने की बात पूछी गई थी।
- कॉलेज के पैसों को इधर-उधर निवेश कराया जा रहा है। कॉलोनियों काटी जा रही है।
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प्रवीण बोले- मुझे कुछ नहीं कहना
पिता महावीर प्रसाद वशिष्ठ द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप पर बेटे प्रवीण वशिष्ठ ने पत्रिका से कहा कि मैं इस विषय में कुछ नहीं कह सकता। यह श्रद्धेय पिता जी का अपना मत है।