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कचरे पर उज्जैन में क्यों हो रहा बवाल, अब वकील सड़क पर उतरे

निगमायुक्त से विवाद, निगमकर्मी की शिकायत पर अजाक अधिनियम में प्रकरण दर्ज होने के बाद न्यायालयीन कार्य से विरक्त होकर सड़क पर उतरे अभिभाषक

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Why the ruckus is happening in Ujjain on the waste

निगमायुक्त से विवाद, निगमकर्मी की शिकायत पर अजाक अधिनियम में प्रकरण दर्ज होने के बाद न्यायालयीन कार्य से विरक्त होकर सड़क पर उतरे अभिभाषक

उज्जैन. कचरे को लेकर आए दिन विवाद के मामले सामने आ रहे हैं। बुधवार को निगमायुक्त प्रतिभा पाल और मक्सीरोड निवासी अभिभाषक हेमेंद्रनाथ तिवारी के बीच विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि नगरनिगम कर्मचारी संदीप गोसर की शिकायत पर तिवारी के खिलाफ कुछ ही घंटों में अजाक अधिनियम व शासकीय कार्य में बाधा आदि को लेकर प्रकरण दर्ज कर लिया गया। कार्रवाई के विरुद्ध जिला अभिभाषक संघ भी न्यायालयीन कार्य से विरक्त होकर सड़क पर उतर गया।

अभिभाषकों ने निगमायुक्त पर पद के दुरुपयोग और अपने प्रभाव से कर्मचारी द्वारा झूठी शिकायत दर्ज करवाने का आरोप लगाया है। निगमायुक्त पाल सुबह करीब 7.30 बजे मक्सी रोड से गुजर रही थीं, इसी दौरान तिवारी की 72 वर्षीय मां रमा ने गंदगी फेंकी। हेमेंद्रनाथ ने बताया, घर के बाहर आवारा मवेशी ने गंदगी कर दी थी, जिसे उठाकर उनकी माताजी सड़क के एक ओर निगम द्वारा कचरा फेंकने के तय स्थान पर फेंक रही थी। इस पर निगमायुक्त ने वृद्ध मां से दुव्र्यवहार किया। इस दौरान तिवारी कमरे में सो रहे थे और परिजनों के बताने पर वे बाहर निकले। तिवारी के अनुसार निगमायुक्त ने उनसे भी अभद्र व्यवहार किया और उनके सुरक्षाकर्मी द्वारा धक्कामुक्की की गई। घटना के कुछ घंटे बाद निगमकर्मी द्वारा थाने पर शिकायत करवाकर उनके खिलाफ अजाक अधिनियम सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज करवा दिया गया। रमा तिवारी की ओर से भी माधवनगर थाने में निगमायुक्त के खिलाफ अभद्र व्यवहार को लेकर लिखित शिकायत की गई है। बता दें कि गीला व सूखा कचरा अलग-अलग नहीं देने पर मंगलवार को भी शास्त्रीनगर निवासी कृष्णकुमार राठौर व निगम भवन निरीक्षक के बीच विवाद हुआ था। मामले में राठौर के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज होने के साथ ही निगम ने उनके घर में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया था। कुछ दिन पूर्व सड़क पर निर्माण सामग्री पड़ी होने को लेकर कांग्रेस पार्षद बीनू कुशवाह व रहवासियों का निगम इंजीनियर से विवाद हुआ था।

अभिभाषक बोले- निगमायुक्त हमें कानून न सिखाएं

जिला अभिभाषक संघ के सदस्य हेमेंद्रनाथ पर घटना के कुछ ही घंटों बाद पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने अभिभाषक भड़क गए। उन्होंने जिलेभर में न्यायालयीन कार्य से विरक्त होने की घोषणा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। संघ के जिलाध्यक्ष अशोक यादव के नेतृत्व में अभिभाषक एसपी से मिलने कंट्रोल रूम पहुंचे। एएसपी प्रमोद सोनकर को ज्ञापन देते हुए यादव ने कहा कि अभिभाषक आम जनता को न्याय दिलाते हैं और उनके साथ ही अन्याय हो रहा है। अभिभाषक कानून को बेहतर तरीके से समझते हैं इसलिए निगमायुक्त हमें कानून सिखाने का प्रयास न करें। अभिभाषकों ने यह भी कहा कि यूं तो ६-६ महीने तक एफआइआर दर्ज नहीं की जाती है तो फिर इस मामले में एेसा क्या हुआ कि कुछ घंटे में ही बिना जांच किए एक अभिभाषक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इसके बाद अभिभाषक अजाक एसपी प्रमोदकुमार सिन्हा से भी मिले। इस दौरान उन्होंने सीएसपी ज्योति भार्गव पर भी अभिभाषकों से ठीक से बात नहीं करने का आरोप लगाया। यादव ने मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होने पर प्रदेशभर में विरोध की चेतावनी दी है।

इनका कहना

रहवासी द्वारा कचरा बाहर फेंकने पर कर्मचारी ने उन्हें रोका गया था। उनके द्वारा अनावश्यक विवाद कर अभद्रता की गई जिसको लेकर कर्मचारी ने पुलिस में शिकायत की। कर्मचारी द्वारा इस संबंध में मुझे भी ज्ञापन दिया गया है।

- प्रतिभा पाल, निगमायुक्त