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नॉलेज कमीशन : सिफारिशों पर अमल से होगा उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव

ज्ञान आयोग की सिफारिशों पर काम शुरू - उच्च शिक्षा विभाग क्षेत्रीय आवश्यकता को ध्यान में रखकर होंगे कृषि और मेडिकल साइंस में शोध, परंपरागत पाठ्यक्रमों का ढांचा भी बदलेगा, विभाग का ध्यान गुणवत्ता के साथ स्वरोजगार पर

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Higher Education Department

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उज्जैन. उच्च शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को गुणवत्ता शिक्षा और राजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करनेव ज्ञान में व्यापक वृद्धि के लिए ज्ञान आयोग की सिफारिशों पर अमल कर रहा है। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए काफी आयोग और निकायों का गठन हुआ। कई बार इनकी सिफारिशों पर अमल करना भी शुरू हुआ, लेकिन स्थिति जस की तस रही। अब उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की सिफारिशों पर अमल शुरू किया है। आयोग की सिफारिशों को ध्यान में रखकर वर्तमान परिस्थिति के अनुरूप विभाग उच्च शिक्षा की नीति और रीति में व्यापक स्तर पर परिवर्तन करने की तैयार कर रहा है। इस परिवर्तन की शुरुआत विक्रम विवि परिक्षेत्र में सैलाना में आयोजित एनएसएस के शिविर से हुई थी। इसके बाद पहला परिवर्तन परंपरागत पाठ्यक्रमों के पाठ्क्रम बदल कर सामने आ चुका है।

शोध पर विशेष ध्यान देने की जरूरत

विश्वविद्यालय में शोध पाठ्यक्रम औपचारिकता बनते जा रहा है। इससे समाज के साथ विद्यार्थियों को भी ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग लगातार शोध की गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास कर रहा है। इसी के तहत कई बार शोध पाठ्यक्रम के प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव किया जा चुका है। इसे काफी सख्त बनाया है। नकल पर रोकथाम के प्रयास हुए। इस सब के बावजूद काफी बदलाव नहीं हुआ। अब उच्च शिक्षा विभाग क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार कृषि, औषधि विज्ञान आदि से जुड़े अध्ययन और शोध पर बल देगा। उत्कृष्ट शोध को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई जाएगा।

महाविद्यालय में होगा विशेष पाठ्यक्रम

प्रदेश में छोटे और बड़े उद्योगों की मांग के अनुरूप शिक्षा संस्थान में पहल की जाएगी। क्षेत्रीय जरूरतों के हिसाब से सभी महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर किसी एक कौशल के संवर्धन के लिए अल्पकालीन पाठ्यक्रम को विकसित किया जाएगा। कॉलेजों में परंपरागत पाठ्यक्रम की पढ़ाई के दौरान छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा। इसी के साथ व्यवसायिक पाठ्यक्रम पर भी ध्यान दिया जाएगा।

सिफारिशों के बाद इन विषयों पर काम

पाठ्यक्रम और व्यवस्था में बदलाव विभाग स्तर पर होता है। उसे विवि मान्य करता है, लेकिन कुलाधिपति और शासन की मंशा के अनुरूप शोध पाठ्यक्रम की गुणवत्ता सुधारने के लिए विक्रम विवि भी प्रयास कर रहा है। शोध के नाम पर नकल रोकने और विषयों के चयन पर विशेष दिया जा रहा है। जल्द ही मालवा क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप सभी संकाय में शोध के विषय पर उत्कृष्ट कार्य के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
डॉ. बालकृष्ण शर्मा, कुलपति विक्रम विवि।