
कलेक्टर के निर्देश, उपयंत्री घरों में नल से स्वच्छ पेयजल प्राप्त होने का दें प्रमाण पत्र
ग्रीष्म काल में पेयजल संकट से निपटने की समस्त तैयारियां लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल निगम पूर्ण करें। 80 प्रतिशत से अधिक पूर्णता वाली नल जल योजनाएं 31 मार्च तक, 70 प्रतिशत वाली 10 अप्रैल तक तथा शेष योजनाएं 30 अप्रैल तक पूरा करें। पीएचई तथा जल निगम के अधिकारी एवं मैदानी अमला मैदानी क्षेत्रों का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करें कि जो नल जल योजनाएं पूरी हो गई हैं वे व्यवस्थित रूप से संचालित रहें, जहां मरम्मत या अन्य तकनीकी समस्याएं आ रही हों, उनका तत्काल निराकरण कराएं।
कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने पीएचई विभाग तथा जल जीवन मिशन के माध्यम से संचालित नल जल योजनाओं की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी उपयंत्री इस आशय का प्रमाण पत्र देंगे कि योजना के प्रावधान के अनुसार सभी घरों में नल से स्वच्छ पेयजल प्राप्त हो रहा है। जिन योजनाओ के संचालन में विद्युत संबंधी समस्याएं आ रही हैं, कार्यपालन यंत्री विद्युत मंडल से संपर्क कर उनका निराकरण कराया जाए। ग्रीष्म काल में पेयजल संकट वाले ग्रामों की पहचान कर अभी से पेयजल संकट से निपटने के उपाय किए जाएं। जल परिवहन की नौबत नहीं आनी चाहिए। जो गांव पीव्हीटीजी योजना में लिए गए हंै उन ग्रामों में पेयजल की आबाध पूर्ति सुनिश्चित की जाए।
कलेक्टर ने कहा कि जनपद स्तर पर एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए जहां प्राप्त होने वाली शिकायतों का 24 घंटे के भीतर निराकरण सुनिश्चित कराया जाए। जल निगम के अंतर्गत संचालित आकाशकोट परियोजना का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। सामुदायिक नल जल योजना मानपुर, करनपुरा तथा इंदवार के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों के सभी बसाहटों में घर घर पेयजल पहुंचाया जाए।विभाग इस आशय का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करें। बैठक में सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, कार्यपालन यंत्री पीएचई एच एस धुर्वे, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन सरोज सिंह, कार्यपालन यंत्री विद्युत मंडल अभिषेक सिंह, एसडीओ वन कुलदीप त्रिपाठी, सहायक आयुक्त एवं जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि तथा विभागीय अमला एवं ठेकेदार उपस्थित रहे।
सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ने कहा कि सभी पूर्ण योजनाओं का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा जो कमियां हैं, उन्हें संबंधित विभाग पहले से ही सुधार कर लें अन्यथा सत्यापन के दौरान कमी पाए जाने पर संबंधित उपयंत्री तथा ठेकेदारों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म काल में पेयजल संकट से निजात पाने का एक ही रास्ता है कि सभी हैंडपंपों का संधारण तथा सभी नल जल योजनाओं का संचालन व्यवस्थित रूप से हो, इसके लिये संबंधित विभाग एवं पंचायतें संयुक्त रूप से जवाबदार रहेंगे।
Published on:
18 Mar 2025 04:46 pm
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