23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आज भी 136 करोड़ की पेयजल परियोजना का इंतजार कर रहे आकाशकोट के निवासी

जिले की बहुप्रतीक्षित आकाश कोट पेयजल योजना, जिस पर सरकार ने 136 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, वह अब तक सिर्फ फाइलों में ही चल रही है। जल निगम के अनुसार योजना को पूरा करने में 3 वर्ष का समय तय है। 24 महीने का समय पूरा हो जाने के बाद भी मंजूरियां अभी तक […]

2 min read
Google source verification
दूषित व बदबूदार पानी पीने को मजबूर 100 से अधिक गांवों के लोग

दूषित व बदबूदार पानी पीने को मजबूर 100 से अधिक गांवों के लोग

जिले की बहुप्रतीक्षित आकाश कोट पेयजल योजना, जिस पर सरकार ने 136 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, वह अब तक सिर्फ फाइलों में ही चल रही है। जल निगम के अनुसार योजना को पूरा करने में 3 वर्ष का समय तय है। 24 महीने का समय पूरा हो जाने के बाद भी मंजूरियां अभी तक अधूरी हैं।


आकाशकोट ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत यह कार्य कंपनी को मई 2023 में दिया गया था। योजना में कुल 108 ग्राम शामिल किए गए थे। इस योजना की अनुबंध लागत 136.49 करोड रूपये की थी। योजना के पूर्ण होने की समयसीमा 31 मार्च 2026 निर्धारित की गई है।


सरकारी कागजों में कार्य की वर्तमान भौतिक प्रगति 41.60 प्रतिशत बताई जा रही है । साथ ही कार्य की वित्तीय प्रगति 36.16 प्रतिशत बताई गई है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि पूरी योजना सिर्फ कागजों पर ही है। आकाशकोट के लगभग 108 ग्रामों के लोग आज भी गंदा व बदबूदार पानी पीने के लिए भी जद़्दोजहद कर रहे हैं। कई किलोमीटर पैदल चलकर ग्रामीणजन पोखरों और बावडियों से सिर पर बर्तन रख पानी ढोने को मजबूर हंै। इन्हीं कारणों से गांव के लोगों को कई प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।


आज भी अधूरी है परियोजना


आकाशकोट में ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना आज भी अधूरी पडी हुई है। जबकि इस योजना को दो वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अपनी कमजोरी छुपाने के लिए एक्सटेंशन का बहाना कर एक वर्ष की अवधि और बढ़ा ली गई है। जमीनी हकीकत यह है कि आकाशकोट के किसी भी गांव में पीने का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जानकारी में होने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल रहा है।

इनका कहना


2023 मे शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट की समय सीमा समाप्त हो गई है और जंगल विभाग की एन ओ सी अभी तक नहीं मिली है। इसे एक्सटेंशन के लिए लिखा गया है। 2026 तक प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा।
पलक जैन, जल निगम महाप्रबंधक