मंगल ग्रह पर मानव अभियान भेजने के लिए लगभग 40 किलोवॉट ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। यह ऊर्जा धरती पर 8 घंटों की एनर्जी की खपत के बराबर है। इस ऊर्जा की जरूरत वहां ईंधन, हवा और पानी पैदा करने में होगी। साथ ही, उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली बैट्री को रिचार्ज करने के लिए भी वहां इसी ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा। हर एक रिएक्टर 10 किलोवॉट ऊर्जा का उत्पादन करने में सक्षम होगा। इसका सीधा मतलब यह है कि मंगल पर 8 लोगों की एक कॉलोनी के लिए 4 रिएक्टर्स की जरूरत पड़ेगी।