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राजस्थान के भावि ‘सरपंचों’ टटोल रहे सूरत में प्रवासियों का मन

सूरत का परवत पाटिया क्षेत्र बना है विशेष ठिकाना, राजस्थान के कई जिलों की ग्राम पंचायतों से आए उम्मीदवार पंचायत के मतदाताओं का मन टटोलने के साथ-साथ पीले चावल बांटकर उन्हें लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार पंचायत चुनाव में भाग लेने का न्योता

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राजस्थान के भावि ‘सरपंचों’ टटोल रहे सूरत में प्रवासियों का मन

राजस्थान के भावि ‘सरपंचों’ टटोल रहे सूरत में प्रवासियों का मन

सूरत. पांच वर्ष पहले बनी स्थिति एक बार फिर से सूरत नगरी में राजस्थान के पंचायत चुनाव को लेकर निर्माण होने लगी है। वहां पंचायत चुनाव में सरपंच पद के उम्मीदवार बारी-बारी से सूरत पहुंच रहे है और यहां बसे अपनी पंचायत के मतदाताओं का मन टटोलने के साथ-साथ पीले चावल बांटकर उन्हें लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार पंचायत चुनाव में भाग लेने का न्योता दे रहे है।
राजस्थान में इन दिनों तेज सर्दी पड़ रही है लेकिन, पंचायत चुनाव की सरगर्मी इतनी ज्यादा है कि सर्दी की धूजनी भी चुनाव की गर्मी के सामने फीकी पड़ रही है। राजस्थान की नौ हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में पंच-सरपंच पद के लिए चुनाव हो रहे है और प्रथम चरण का मतदान शुक्रवार को होगा।

पंच-सरपंच के चुनावों को लेकर आई ये बड़ी खबर

वहीं, तीसरे चरण की कुछ पंचायतों तथा चौथे चरण का चुनाव फिलहाल निर्वाचन विभाग ने स्थगित किया हुआ है। राजस्थान की सैकड़ों पंचायतों के चुनाव में हजारों प्रत्याशी जोर-आजमाइश कर रहे हैं और इनमें से कई प्रत्याशी तो यह जोर-आजमाइश सूरत समेत दक्षिण गुजरात में बसे प्रवासी मतदाताओं के बीच पहुंचकर भी करने से नहीं चूक रहे।

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पंच-सरपंच पद के दावेदारों का सूरत के परवत पाटिया इलाके में विशेष ध्यान बना हुआ है और वे बार-बार क्षेत्र की वाड़ी व भवन में अपनी पंचायत के प्रवासी राजस्थानी मतदाताओं का मन टटोल रहे है और उन्हें मतदान में भाग लेने का न्योता पीले चावल के साथ दे रहे है।


परम्परा है, निभाते रहते है


राजस्थान में चुनाव हो और सूरत में पार्टी नेताओं, प्रत्याशियों व समर्थकों की दस्तक होती ही है, लगता है मानों यह परम्परा ही बन गई है कि वहां चुनाव होगा तो यहां प्रचार अवश्य होगा। दो दशक से लगातार देखा जा रहा है कि राजस्थान में पंचायत, तहसील पंचायत, जिला पंचायत, विधानसभा, लोकसभा आदि चुनाव होते है और वहां से प्रत्याशी व उनके समर्थक तथा नेता यहां आकर प्रवासी राजस्थानियों को लुभाने की हरसंभव कोशिश करते है। उनकी कोशिश का असर यह रहता है कि यहां से अलग-अलग विधानसभा के मतदाता बसों में भर-भरकर वहां पहुंचते है और मतदान में भाग लेते है।


प्रत्याशी के सम्मान में सभा


सिरोही जिले की फुंगनी-नून ग्राम पंचायत में दमखम आजमा रहे युवा प्रत्याशी नैनसिंह राजपुरोहित हाल ही में सूरत आए। प्रत्याशी ने यहां आकर अपनी ग्राम पंचायत के मतदाताओं के साथ बैठक आयोजित की और ग्राम विकास की ढेर सारी बातों के साथ सभी से समर्थन मांगा। इस दौरान गांव के अन्य लोगों ने भी बैठक को सम्बोधित किया। पंचायत के कई मतदाता सूरत में बसे हुए है। ऐसे ही प्रत्याशियों ने पिछले दिनों सैन समाज की वाड़ी समेत अन्य स्थलों पर अपनी-अपनी ग्राम पंचायत के प्रवासी मतदाताओं के बीच सम्पर्क किया और समर्थन मांगा। प्रत्याशियों के सूरत आने का सिलसिला आगे भी यूं ही चलेगा।


यहां से जाते है और जाएंगे भी


राजस्थान में कोई भी चुनाव हो सूरत में बसे प्रवासी राजस्थानी मतदाता वहां जाकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी व समर्थक पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते है। यह सिलसिला कई वर्षों से लगातार चला आ रहा है। इतना ही नहीं सूरत से वहां जाकर पंचायत स्तर से लोकसभा स्तर के चुनाव में दमखम आजमाने में भी प्रवासी मतदाता भी नहीं चूकते। इस बार भी कई व्यक्ति है जो यह जोर आजमाइश पंचायत चुनाव में स्वयं अथवा अपने परिजनों को चुनाव मैदान में उतारकर कर रहे है। इसमें किसी को पार्टी समर्थन है तो कोई निजी स्तर पर पंचायत चुनाव में अपना दमखम ग्रामीणों के बीच दिखा रहा है।


अपणायत का रिश्ता है खास


पंचायत चुनाव छोटा चुनाव है और इसमें भी प्रत्याशी व समर्थकों का कीमती समय में इतनी दूर यहां तक आना यूं ही नहीं है बल्कि उन्हें बुलाया भी जाता है। इसके पीछे अपणायत का रिश्ता ही खास है जो उन्हें यहां तक खींच लाता है।
अशोक अग्रवाल, भादरा निवासी