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अक्षय तृतीया: बाल विवाह मान्य नहीं, माता-पिता, पुजारी, मौलवी होंगे दोषी, टेंट पर भी लगेगा जुर्माना

Akshaya Tritiya: Child marriage not valid उन्नाव में अच्छे तृतीया के दिन बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन अभियान चल रहा है।‌ बाल विवाह करने में शामिल लोगों को कानून के विषय में जानकारी दी जा रही है। जिसमें कठोर सजा और आर्थिक जुर्माना लगाने का भी प्राविधान है।

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अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाह रोकने के लिए जिले में चल रहा अभियान

Akshaya Tritiya, Child marriage not valid उन्नाव में अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन हर कदम उठा रहा है। टोल फ्री नंबर के अतिरिक्त चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट कंट्रोल रूम और जिला प्रोबेशन अधिकारी का मोबाइल नंबर जारी किया गया है। जिस पर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह होने या कराए जाने की जानकारी दे सकता है। जिलाधिकारी गौरांग राठी ने इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 3 में निहित प्रावधानों के आधार पर बाल विवाह अमान्य है।

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव में अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। जिला प्रोबेशन अधिकारी क्षमा नाथ राय ने बताया कि 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया है। इस दिन होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए जिले में अभियान चलाया जा रहा है। 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका और 21 वर्ष से कम उम्र के विवाह 'बाल विवाह' श्रेणी में आता है।

बाल विवाह की जानकारी मांगी गई

यदि किसी व्यक्ति को बाल विवाह के संबंध में जानकारी मिलती है तो वह 1098, कार्यालय चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट कंट्रोल रूम का मोबाइल नंबर 7880811098 और जिला प्रोबेशन ‌अधिकारी उन्नाव के सीयूजी नंबर 7518024022 पर जानकारी दे सकता है। बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी के कक्ष संख्या-35 में लिखित रूप से सूचना दे सकता है।

2 वर्ष की कठोर कारावास एक लाख का जुर्माना

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह अधिनियम के अनुसार दोषी पाए जाने पर विवाह करने में शामिल सहायक, माता-पिता, संरक्षक, मौलवी, पुजारी, परिवारीजन, रिश्तेदार, संगठन, गेस्ट हाउस या टेंट हाउस मालिक को 2 वर्ष की की कठोर कारावास और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्राविधान है।