
kuldeep singh sengar
उन्नाव. केंद्रीय जांच ब्यूरो सोमवार तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नेहा पांडे से पूछताछ करने जा रही है। पुलिस अधीक्षक नेहा पांडे के कार्यकाल के दौरान उन्नाव माखी में दुष्कर्म कांड हुआ था। जिसमें दुष्कर्म पीड़िता की तहरीर पर माखी थाना में मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया था। मुकदमा पंजीकृत ना होने पर दुष्कर्म पीड़िता ने अदालत का रास्ता चुना। नेहा पांडे वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि सीबीआई तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से घटनाक्रम के विषय में विस्तृत पूछताछ करेगी। दुष्कर्म पीड़िता का मुकदमा क्यों नहीं पंजीकृत किया गया था। क्या मामला उनके संज्ञान में था।
अदालत के आदेश के बाद भी उपचार के लिए नहीं भेजा गया था पीड़िता के पिता को
इधर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हत्या के खुलासे के लिए दुष्कर्म पीड़िता के वकील से भी पूछताछ की और घटना के विषय में जानकारी प्राप्त की। गौरतलब है मारपीट की घटना में घायल दुष्कर्म पीड़िता के पिता को गंभीर चोटें होने के बाद भी उपचार के लिए अस्पताल नहीं भेजा जा रहा था। जिस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को आदेशित किया था कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा जाए। परंतु जेल अधीक्षक ने अस्पताल की जगह उसे जेल भेज दिया था। जहां उसकी 9 अप्रैल को मौत हो गई थी। घटनाक्रम की पैरवी करने वाले अधिवक्ता से सीबीआई ने लंबी बातचीत की।
नेहा पांडे के कार्यकाल में नहीं हुआ था मुकदमा पंजीकृत
उन्नाव दुष्कर्म मामले में सीबीआई पुलिस के उच्चाधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है। इसी क्रम में आज तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नेहा पांडे को जवाब तलब किया गया है। दुष्कर्म की घटना नेहा पांडे के कार्यकाल की है। जब पीड़िता की तहरीर पर माखी थाना में मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया था। मजबूरी में दुष्कर्म पीड़िता को अदालत की शरण में आना पड़ा था। इसके पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि देवी से भी पूछताछ कर चुकी है। दुष्कर्म पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की घटना पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि देवी के कार्यकाल के दौरान हुई थी। सीबीआई जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करना चाहती है। जिसके लिए पूछताछ में तेजी आई है।
सीबीआई की पूछताछ में आई तेजी
दुष्कर्म पीड़िता के पिता के मारपीट की घटना में घायल होने के बाद उपचार की जगह उसे जेल में डाल दिया गया था। दुष्कर्म पीड़िता अपने पिता के उपचार के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। जिस की पैरवी अधिवक्ता शहंशाह आलम ने की थी। पैरवी करने वाले अधिवक्ता शहंशाह आलम से सीबीआई ने पूछताछ की। गौरतलब है मारपीट में घायल दुष्कर्म पीड़िता के पिता को अदालत के आदेश के बाद भी अस्पताल में उपचार के लिए ना भेज कर जिला कारागार भेज दिया गया था। जहां उसकी विगत 9 अप्रैल को मौत हो गई थी।
Updated on:
10 Jun 2018 12:27 pm
Published on:
10 Jun 2018 09:43 am
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