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Forest fire: नासा का दावा,उत्तराखंड के जंगलों में तीन गुना बढ़ीं आग की घटनाएं

उत्तराखंड में पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक अग्निकांड के मामले दर्ज किए गए हैं। नासा-विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सुइट (वीआईआईआरएस) के डेटा से इस बात की पुष्टि हुई है। पर्यावरण के तमाम पहलुओं पर पूरे भारत में काम कर रही संस्था क्लाइमेट ट्रेंडस ने नासा से मिले डेटा का विश्लेषण कर बताया है […]

लखनऊApr 29, 2024 / 08:28 am

Naveen Bhatt

The fire in the forests of Uttarakhand is becoming increasingly severe

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगातार विकराल रूप धारण कर रही है

उत्तराखंड में पिछले साल के मुकाबले तीन गुना अधिक अग्निकांड के मामले दर्ज किए गए हैं। नासा-विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सुइट (वीआईआईआरएस) के डेटा से इस बात की पुष्टि हुई है। पर्यावरण के तमाम पहलुओं पर पूरे भारत में काम कर रही संस्था क्लाइमेट ट्रेंडस ने नासा से मिले डेटा का विश्लेषण कर बताया है कि उत्तराखंड में पिछले वर्ष मार्च और अप्रैल में आग लगने की 1850 घटनाएं दर्ज हुईं, वहीं इस साल मार्च और अप्रैल माह में यह बढ़कर 6295 तक पहुंच गई।

मार्च-अप्रैल में वनाग्नि के जिलेवार आंकड़े

जिला             वर्ष2023       वर्ष 2024 

अल्मोड़ा           299              909

बागेश्वर           75                224

चमोली            99               293

चम्पावत         120                1025

देहरादून           48                   62

पौड़ी 378 742
हरिद्वार           42                 25

नैनीताल           207                1524

पिथौरागढ़         213                  615

रुद्रप्रयाग          311                   17

टिहरी 115 380

यूएस नगर        183                  290

उत्तरकाशी 40 89

इन जिलों में सर्वाधिक घटनाएं

संस्था की रिसर्च लीड डॉ.पलक बालियान के मुताबिक पिछले दो वर्ष (2023-2024) में दो महीने (मार्च और अप्रैल) का उत्तराखंड अग्नि गणना डेटा बताता है कि आग लगने की घटनाओं में सर्वाधिक प्रभावित जिला नैनीताल, चंपावत, अल्मोडा, पौड़ी और पिथौरागढ़ हैं। हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के सभी जिलों में मार्च और अप्रैल महीने में 2023 की तुलना में 2024 में आग की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले साल अप्रैल में आग की घटनाएं 1046 थीं, वह इस साल अप्रैल में बढ़कर 5710 तक यानि लगभग पांच गुना हो चुकी हैं।

वायुसेना की ली जा रही मदद

राज्य में बढ़ती वनाग्नि की घटनाएं चिंता का सबब बनी हुई हैं। जंगलों की आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर से पानी की बौछार कर आग बुझाने की कोशिशें की जा रही हैं। गांवों में तमाम संगठन भी आग बुझाने के काम में जुटे हुए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी वनाग्नि की घटनाओं की सीधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
नैनीताल में छाई नीले रंग की धुंध

कुमाऊं में जंगल जलने का सिलसिला जारी है। रविवार को भी अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और नैनीताल में वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं। हालांकि पिथौरागढ़ में शनिवार शाम हुई बारिश से कुछ राहत मिली है। उधर, जंगल जलने से नैनीताल की आबोहवा खराब होने लगी है। यहां हल्के नीचे रंग की धुंध छा गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 तक पहुंचा गया है।

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