मार्च-अप्रैल में वनाग्नि के जिलेवार आंकड़े
जिला वर्ष2023 वर्ष 2024 अल्मोड़ा 299 909 बागेश्वर 75 224 चमोली 99 293 चम्पावत 120 1025 देहरादून 48 62 पौड़ी 378 742 हरिद्वार 42 25 नैनीताल 207 1524 पिथौरागढ़ 213 615 रुद्रप्रयाग 311 17 टिहरी 115 380 यूएस नगर 183 290 उत्तरकाशी 40 89
इन जिलों में सर्वाधिक घटनाएं
संस्था की रिसर्च लीड डॉ.पलक बालियान के मुताबिक पिछले दो वर्ष (2023-2024) में दो महीने (मार्च और अप्रैल) का उत्तराखंड अग्नि गणना डेटा बताता है कि आग लगने की घटनाओं में सर्वाधिक प्रभावित जिला नैनीताल, चंपावत, अल्मोडा, पौड़ी और पिथौरागढ़ हैं। हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के सभी जिलों में मार्च और अप्रैल महीने में 2023 की तुलना में 2024 में आग की घटनाएं बढ़ी हैं। पिछले साल अप्रैल में आग की घटनाएं 1046 थीं, वह इस साल अप्रैल में बढ़कर 5710 तक यानि लगभग पांच गुना हो चुकी हैं।
वायुसेना की ली जा रही मदद
राज्य में बढ़ती वनाग्नि की घटनाएं चिंता का सबब बनी हुई हैं। जंगलों की आग बुझाने के लिए वायु सेना की मदद ली जा रही है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर से पानी की बौछार कर आग बुझाने की कोशिशें की जा रही हैं। गांवों में तमाम संगठन भी आग बुझाने के काम में जुटे हुए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी वनाग्नि की घटनाओं की सीधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। नैनीताल में छाई नीले रंग की धुंध कुमाऊं में जंगल जलने का सिलसिला जारी है। रविवार को भी अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और नैनीताल में वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं। हालांकि पिथौरागढ़ में शनिवार शाम हुई बारिश से कुछ राहत मिली है। उधर, जंगल जलने से नैनीताल की आबोहवा खराब होने लगी है। यहां हल्के नीचे रंग की धुंध छा गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 तक पहुंचा गया है।