
रॉबर्ट्सगंज, उत्तर प्रदेश का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह सोनभद्र का जिला मुख्यालय है। सोन, कर्मनाशा, चंद्रप्रभा, रिहंद, रेणू, घग्गर नदियां इसके ग्रामीण इलाकों से होकर बहती हैं। इस शहर का नामकरण ब्रिटिश-राज में अंग्रेजी सेना के फिल्ड मार्शल फ्रेडरिक रॉबर्ट के नाम पर हुआ था। देवकीनंदन खत्री के सुप्रसिद्ध उपन्यास चंद्रकांता और चंद्रकांता संतति के कथा की पृष्ठभूमि विजयगढ़ है। विजयगढ़ का किला, सोढरीगढ़ का किला, वीर लोरिक का पत्थर, सलखन, जीवाश्म पार्क, नगवा बांध, लखनिया दरी, रिहंद बांध, अगोरी दुर्ग, रेनुकूट रेडूकेश्ववर मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। लखनऊ से रॉबर्ट्सगंज की दूरी 366.4 किलोमीटर है और दिल्ली से 86.8 किलोमीटर।
‘सांसद के रिपोर्ट कार्ड’ यूपी की पॉपुलर सीटों में से एक रॉबर्ट्सगंज लोकसभा की सीट हैं। यहां से भारतीय जनती पार्टी के 71 वर्षीय पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं। पकौड़ी लाल कोल ने 2019 के चुनाव में सपा-बसपा के साझा उम्मीदवार सपा के भाई लाल को महज 54,336 वोटों से हराकर यह सीट जीत ली।
पकौड़ी लाल कोल की डिबेट में हिस्सेदारी मात्र 2 है।
डिबेट में हिस्सा लेने का नेशनल एवरेज 45.7
यूपी के सांसदों का एवरेज 60
सोर्सः पीआरएस
पकौड़ी लाल कोल ने कोई सवाल नहीं पूछा
संसद में सवाल पूछने का नेशनल एवरेज 210
यूपी के सांसदों के सवाल पूछने का एवरेज 151
कुल मिले बजट: 12.00 करोड़ रुपए
बचा हुआ बजटः 1.59 करोड़ रुपए
समयकालः साल 2019 से लेकर 2023 तक
सोर्सः एमपी लैड्स
पकौड़ी लाल कोल की संसद में कुल हाजिरी 81% रही है।
सांसदों के हाजिरी का नेशनल एवरेज 79%
यूपी के सांसदों के हाजिरी का एवरेज 83%
संसद के कार्यवाही में हिस्सा लेने में पकौड़ी लाल कोल
नेशनल एवरेज से 2% आगे व
स्टेट एवरेज से 2% पिछे हैं।
समय कालः बजट सेशन 2019 से लेकर विंटर सेशन 2023
सोर्सः पीआरएस इंडिया
सांसद पकौड़ी लाल कोल ने पूरे पांच साल के कार्यकाल में एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश नहीं किया।
(इस खबर के शोध कार्य में किशन चौबे ने मदद की है। वह पत्रिका डिजिटल के साथ इंटर्नशिप कर रहे हैं।)
Updated on:
03 May 2024 12:26 pm
Published on:
03 May 2024 12:25 pm
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