। यह अनमोल वचन रंगून के जुबली हॉल में सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिया ऐतिहासिक भाषण था, जिसे आज भी भारत के लोग गर्व से गुनगुनाते हैं। लेकिन नेता जी की मौत की मिस्ट्री पर आज भी संस्पेंस बरकरार है, नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में संपन्न बंगाली परिवार में हुआ था, उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वक़ील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे। सुभाषचंद्र उनकी नौवीं संतान और पाँचवें बेटे थे।