ASP Vikas Chandra Tripathi suspended for Negligience in Atul Rai Case- बसपा सांसद अतुल राय (Atul Rai) पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के आत्मदाह मामले में सीओ अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी जांच में लापरवाही के दोषी पाए गए वाराणसी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी), नगर विकास चंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है।
वाराणसी. ASP Vikas Chandra Tripathi suspended for Negligience in Atul Rai Case. बसपा सांसद अतुल राय (Atul Rai) पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के आत्मदाह मामले में सीओ अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी के बाद एसआईटी जांच में लापरवाही के दोषी पाए गए वाराणसी तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी), नगर विकास चंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है। पूरे मामले में कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है। शासन स्तर पर यह कार्रवाई की गई है। एसआईटी की जांच में पर्यवेक्षण में लापरवाही व उदासीनता के दोषी पाए गए एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू की गई थी, जबकि वाराणसी के तत्कालीन एएसपी विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस देकर 15 दिन में जवाब तलब किया गया था। वाराणसी में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद विकास चंद्र त्रिपाठी वहां अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर भी तैनात थे। वर्तमान में वह डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध हैं।
शिकायतों में पाए गए थे दोषी
विकास त्रिपाठी को एसआईटी ने पीड़ित युवती व उसके पैरौकार युवक की ओर से की गई शिकायतों की जांच का दोषी पाया गया था। अग्रिम विवेचना के एक मामले में उनके अलग-अलग निष्कर्षों को जांच समिति ने उदासीनता व लापरवाही माना था। इससे पूर्व जांच टीम की अंतरिम रिपोर्ट पर बीते दिनों पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और सांसद अतुल राय के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में पीड़ित युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। पीड़िता को आत्महाद के लिए उकसाने के आरोप में आरोपित पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
विकास चंद्र त्रिपाठी पर है यह आरोप
- विकास चंद्र त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने अतुल राय के पक्ष में बनी रिपोर्ट को बिना पढ़े ही आगे बढ़ा दिया था।
- रेप पीड़िता और उसके गवाह ने बदनाम करने और धमकाने जैसी दो अलग-अलग गंभीर शिकायतें की थी। दोनों शिकायतों की जांच में उनके शिथिल जांच के कारण मुकदमा दर्ज किए जाने में 3-3 माह की देरी हुई। यह विकास चंद्र त्रिपाठी की लापरवाही के कारण हुआ।
- रेप पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को संबोधित पत्र लिखा था। उसकी जांच विकास चंद्र द्वारा पूरी नहीं की गई और रेप पीड़िता की समस्या के निस्तारण का प्रयास नहीं किया गया।
- डीजी ऑफिस से आए एक प्रार्थना पत्र के आधार पर वाराणसी के पुलिस कमिश्नर द्वारा विकास चंद्र को जांच सौंपी गई थी। उसकी जांच भी समय से पूरी नहीं की।