UPSC: संघ लोक सेवा आयोग की ओर से जारी सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम में बनारस के दो होनहार युवाओं ने जलवा बिखेरा है। इसमें एक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र रहे आनंद सिंह ने तो लगातार दूसरी दफा देश की इस प्रतिष्ठापरक परीक्षा में सफलता अर्जित की है। दूसरे हैं चोलापुर क्षेत्र के तेवर गांव के देवेश चतुर्वेदी।
यूपीएससी एग्जाम क्वालीफाई करने वाले बनारस के देवेश और आनंद
वाराणसी. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से जारी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम सोमवार को घोषित हुआ। इसमें बनारस के दो होनहार युवाओं ने बाजी मारी है। इसमें एक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र रहे आनंद सिंह ने तो कमाल ही कर दिया है। उन्होंने लगातार दूसरी दफा देश की इस प्रतिष्ठापरक परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। वहीं दूसरे हैं चोलापुर क्षेत्र के तेवर गांव के देवेश चतुर्वेदी।
इतिहास के छात्र आनंद ने 2021 में भी क्वालीफाई किया था यूपीएससी एग्जाम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और बहराइच के मूल निवासी आनंद कुमार सिंह ने यूपीएससी परीक्षा के अंतिम परिणाम में 206वीं रैंक हासिल की है। आनंद ने बीएचयू के इतिहास विभाग से बीए ऑनर्स किया है। ये लगातार दूसरा मौका है जब आनंद इस परीक्षा में सफल रहे। इससे पूर्व 2021 में भी आनंद ने यूपीएससी एग्जाम क्वालिफाई किया था, तब उन्हें आईआरएस की पोस्ट मिली। आनंद का 2020 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के वर्क ऑफिसर के पोस्ट पर भी सलेक्ट हुए थे। लेकिन आनंद ने फिर से मेहनत की और एक बार फिर यूपीएससी एग्जाम में बैठे। इस बार उनका सपना आईएएस क्वालीफाई करना था। वो फिर सफल हुए।
रिजल्ट घोषित होते ही जश्न का माहौल सोमवार को यूपीएससी का परिणाम घोषित होते ही आनंद के घर पर जश्न का माहौल बन गया। परिवारजन और दोस्त खुशी से झूम उठे। पास-पड़ोस के लोगों ने मुंह मीठा कर शुभकामनाएं दीं।
देवेश को मिली 148 वीं रैक उधर चोलापुर के तेवर गांव निवासी देवेश चतुर्वेदी ने इस बार के यूपीएससी एग्जाम में 148 वीं रैंक हासिल की है। रिजल्ट घोषित होते ही गांव में जम कर जश्न मनाया गया। मानों पूरा गांव ही खुशी से झूम उठा। देवेश ने भी पिछले साल ही यूपीएससी की परीक्षा में भी सफलता हासिल की थी, तब उन्हें इटावा में बतौर एसडीएम पहली तैनाती मिली। यहां बता दें कि उनके पिता अनिल चतुर्वेदी भी एसडीएम हैं।
आईआईटी धनबाद से बीटेक हैं देवश देवेश आईआईटी धनबाद से बीटेक हैं। बीटेक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में वो सफल रहे। माता-पिता को समर्पित की उपलब्धि
देवेश ने कहा कि माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए पूरी मेहनत की। अपनी ओर से कोई कोर-कसर नहीं रख छोड़ी। अब उन्हीं के आशीष से ये कामयाबी मिली है। लिहाजा इस कामयाबी को उनके ही श्री चरणों में समर्पित करता हूं।