scriptNTPC के परीक्षा परिणाम में धांधली के खिलाफ आंदोलित प्रतियोगी छात्रों पर लाठीचार्ज से BHU गरम | BHU heats up with lathi charge on competitive students agitating against rigging of NTPC exam results | Patrika News

NTPC के परीक्षा परिणाम में धांधली के खिलाफ आंदोलित प्रतियोगी छात्रों पर लाठीचार्ज से BHU गरम

locationवाराणसीPublished: Jan 27, 2022 11:00:11 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

भारतीय रेलवे के एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम में धांधली और भ्रष्टाचार को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रतियोगी छात्रों के साथ पटना व प्रयागराज में हुई बर्बरता के खिलाफ बीएचयू छात्रों ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक निकाला मार्च, की सभा। कहा हम उन छात्रो संग मजबूती से खड़े हैं।

आंदोलित बीएचयू के छात्र

आंदोलित बीएचयू के छात्र

वाराणसी. भारतीय रेलवे के एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम में धांधली और भ्रष्टाचार को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले प्रतियोगी छात्रों के साथ पटना (बिहार) एवं इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुई बर्बरता के खिलाफ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी मोर्चा खोल दिया है। दोनों स्थानों पर छात्रों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ ये छात्र पिछले दो दिन से आंदोलित हैं। यहां तक कि बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी छात्रों ने बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक विरोध मार्च निकाली और सभा की। सभा में छात्रों ने एक स्वर में कहा कि बीएचयू और यहां अध्ययनरत छात्र इलाहाबाद-पटना ही नहीं बल्कि देशभर के उन छात्रों के साथ खड़े हैं, जो रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सत्ता को घेरने का काम करते हैं। आमजन से जुड़े हुए मुद्दे पर सवाल उठाने का काम करते हैं।
आंदोलित बीएचयू के छात्र
भारतीय रेलवे ने 2019 में एनटीपीसी और ग्रूप ‘डी’ सहित विभिन्न पदो के लिए कुल 103739 सीटों की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी परीक्षा 2021 में संपन्न हुई और परिणाम हाल ही में 15 जनवरी को घोषित हुआ। एनटीपीसी परीक्षा के जारी परिणाम में भारी धांधली की आशंका जाहिर करते हुए आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने 24 जनवरी को बिहार के पटना और आरा रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा होकर ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया। छात्रों का कहना था कि रेलवे ग्रुप डी की भर्ती के लिए केवल एक परीक्षा करवाने की बात कही थी लेकिन जब परीक्षा शुरू होने की बारी आई तो उस परीक्षा को प्री-मेंस में तब्दील कर दिया जो छात्रों के हित में कतई नहीं है, बल्कि इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में गिना जाए।
प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में बिहार के बक्सर, मोतीहारी, गया सहित कई जिलों में प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। पूरब के आक्सफोर्ड के रूप प्रसिद्ध इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश छात्र भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे रहते हैं। इलाहाबाद के छात्रों ने भी एक छात्र पंचायत बुलाकर रेलगाड़ियों को रोकने का निर्णय कर लिया। बस, इतना ही योगी-मोदी की पुलिस को नहीं देखी गई। इलाहाबाद के छोटा बघाड़ा के करीब आधे दर्जन से अधिक प्राइवेट लॉजों में पुलिस ने घुसकर छात्रों की पिटाई की। छात्रों ने अपने अधिकार की मांग को लेकर सड़क और रेलमार्ग पर उतरना सत्ता को नागवार गुजरा और उसने आन्दोलित छात्रों पर लाठी चार्ज करवाकर आंसू गैस के गोले दागवाया।
पैदल मार्च व सभा में शामिल छात्रों का स्पष्ट कहना था कि जब गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशभर में आमजन से लगायत मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दे रहे थे, ईमानदारी और निस्वार्थ भाव से वोट डालने-डलवाने की कसमें खा रहे थे, ठीक उसी समय प्रयागराज के छोटा बघाड़ा-सलोरी के करीब आधे दर्जन से अधिक प्राइवेट लॉजों में पुलिस को घुसवाकर प्रतियोगी छात्रों के ऊपर लाठियां बरसाई गईँ। प्रयागराज की घटना के ठीक एक दिन पहले पटना (बिहार) में भी नितीश कुमार ने भी वही किया, जो यूपी की तानाशाही सरकार ने की है। भाजपा और उसकी समर्थक पार्टियां और नेता नहीं चाहते हैं कि किसी प्रकार का चुनाव जनता के मुद्दे- शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा पर हो। ऐसे में बीजेपी और एनडीए सरकार बार-बार जनता के मुद्दे को गायब करने के लिए चाल रही है। वह कभी आपके बहस को हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद के इर्द-गिर्द केंद्रित करना चाहती है तो कभी हमारी मांग को कुचलने के लिए तानाशाही रवैए अपना लेती है।
यूपी-बिहार में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी बेरोजगारी का आलम आजादी के बाद से सबसे अधिक है, जबकि यही भाजपा ने सालाना दो करोड़ सरकारी नौकरियां देने की बात कही थी। इलाहाबाद और पटना में प्रतियोगी छात्रों के साथ हुई बर्बरता भी रोजगार और भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई घटना है। इसलिए अंग्रेज़ो से लड़कर मिले लोकतंत्र के गणतंत्र दिवस पर अपने हक़-हकूक की लड़ाई और इलाहाबाद-पटना में रहने वाले प्रतियोगी छात्रों के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आक्रोशित छात्रों ने पैदल मार्च निकाला और सभा की।
ये रहे शामिल

पैदल मार्च एवं सभा में सुमित , शुभम , चंदन ,अमन, किशन , रवि , धीरू , शादाब ,आदित्य , मुरारी , नीतीश,अमन रॉय , अक्षय सिंह , अंबुज, संजय कुमार प्रजापति, बलीराम, बेबी पटेल, सीपी, सतीश, अभिमन्यु, रामाकांत, सरोज, राजेश, अनुराग यादव, चंद्रजीत, विवेक, लकी, अजीत, निर्भय, आकाश, आदर्श, मारुति मानव, कमलेश, पंकज यादव, अरविंद यादव, नरेंद्र प्रताप, विकास मिश्र, अभिषेक उपाध्याय, अजय तिवारी, अमित सिंह, अबरार अहमद, अनुपम, चंदन सागर, विनय संघर्ष, राहुल यादव, प्रज्ञा सिंह, शिवदास सहित हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं सहित नागरिक समाज से समाजवादी युवजन के साथी एवं पूर्व छात्र नेता अफलातून देसाई, चौधरी राजेन्द्र, प्रेम प्रकाश सिंह यादव, राजकुमार गुप्ता, योगी राज सिंह पटेल, पीएस4 के अध्यक्ष डॉ छेदीलाल निराला आदि शामिल रहे।
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