वाराणासी का चर्चित काशी हिंदू विश्वविद्यालय महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के मामलों की वजह से एक बार फिर विवाद के केंद्र में आ गया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने विश्वविद्यालय में हुए तीन अलग-अलग मानसिक और यौन उत्पीड़न के मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए कार्यवाहर कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार, आयुर्विज्ञान संस्था यानी मेडिकल कॉलेज के निदेश प्रोफेसर एसएन संखवार और ट्रामा सेंटर प्रभारी प्रोफेसर सौरभ सिंह को आयोग के दिल्ली स्थित कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।
महिला आयोग के इस सख्त कदम के बाद से यूनिवर्सिटी प्रशासन सकते में है। प्रशासन आयोग के समक्ष जवाब पेश करने के लिए तैयारी कर रहा है और इस सिलसिले में बैठकों का दौर जारी है। बीएचयू के आयुर्वेद संकाय की प्रोफेसर नम्रता जोशी ने मानसिक उत्पीड़न और संस्थागत भेदभाव का आरोप लगाते हुए महिला आयोग में एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई है।
प्रोफेसर नम्रता ने अपनी शिकायत में कहा है कि एक वरिष्ठ प्रोफेसर उनका लगातार मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने संस्थान पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने के आरोप भी लगाए हैं।
बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग से जुड़ी एक पूर्व छात्रा ने भी उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। महिला आयोग ने इस पूर्व छात्रा के उत्पीड़न मामले में बीएचयू से जांच रिपोर्ट मांगी थी लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। अब आयोग ने बीएचयू के अधिकारियों को तलब किया है।
ट्रामा सेंटर की एक महिला प्रोफेसर ने भी वरिष्ठ सहकर्मियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। प्रोफेसर का आरोप है कि सहकर्मियों के तानाशाही पूर्ण रवैये से उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है।
महिला आयोग ने कहा है कि यदि बीएचयू के संबंधित अधिकारी पेश नहीं होते हैं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इन सभी आरोपों और महिला आयोग के नोटिस पर बीएचयू प्रशासन ने सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है और ना ही कोई टिप्पणी की है।
Published on:
06 Jul 2025 06:25 pm