
CM Yogi Adityanath and Deputy CM Keshav Prasad Maurya
वाराणसी. बीजेपी ने एक झटके से सीएम योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को एक झटका देकर दरकिनार कर दिया है। सीएम योगी व डिप्टी सीएम के बीच मनमुटाव की खबरों के बीच भगवा पार्टी ने फूलपुर व गोरखपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी घोषित कर दोनों नेताओं की पैरवी को नजरअंदाज कर दिया है। यूपी की राजनीति में बीजेपी के निर्णय को बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
यह भी पढ़े:-बनारस के पूर्व मेयर व गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष को बीजेपी ने बनाया प्रत्याशी, सूची जारी
यूपी सीएम बनने से पहले गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ का विरोधी खेमा भी सक्रिय रहता था। गोरखपुर संसदीय सीट पर बीजेपी ने उपेन्द्र दत्त शुक्ला को टिकट देकर सीएम योगी को बड़ा झटका दिया है। उपेन्द्र दत्त शुक्ला को कभी सीएम योगी का विरोधी माना जाता था। सीएम योगी से विरोध करके उपेन्द्र दत्त शुक्ला ने कौड़ीराम विधानसभा सीट से निर्दल ही चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। परीसिमन के चलते कौड़ीराम विधानसभा खत्म हो चुकी है लेकिन उपेन्द्र दत्त शुक्ला ने सीएम योगी से विद्रोह करके चुनाव लड़ा था यह बात इतिहास में दर्ज हो चुकी है। फूलपुर संसदीय सीट से सांसद रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या अपनी पत्नी राजकुमारी मौर्या को टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन बीजेपी ने डिप्टी सीएम केशव मौर्या की पसंद को दरकिनार करते हुए बनारस के पूर्व मेयर कौशलेन्द्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बना दिया है।
यह भी पढ़े:-सारे समीकरण हुए फेल, माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह के घर पहुंचे बाहुबली क्षत्रिय नेता राजा भैया
इसलिए दरकिनार किये गये सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी जातिवाद का आरोप लगता है, जिसके चलते ब्राह्मण वर्ग बीजेपी से नाराज चल रहा था बीजेपी ने इस वर्ग को मनाने के लिए डा.महेन्द्रनाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है इसके बाद भी ब्राह्मणों की नाराजगी सीएम योगी के चलते कम नहीं हुई है। बीजेपी ने सीएम योगी के कभी विरोधी रहे उपेन्द्र दत्त शुक्ला को टिकट देकर ब्राह्मणों को खुश करने का प्रयास किया है अब देखना है कि बीजेपी का यह दांव कितना सफल होगा।
यह भी पढ़े:-सीएम योगी सरकार पर लगा बड़ा आरोप, मुस्लिमों को खुश करने के लिए जलाभिषेक करने से रोका
बीजेपी हारी तो सीएम योगी को लगेगा सबसे अधिक झटका
गोरखपुर को सीएम योगी का गढ़ माना जाता है। यहां के सांसद रहे अब यूपी के मुख्यमंत्री बन चुके सीएम योगी किसी हाल में यह सीट हारना नहीं चाहेंगे। बीजेपी भी यह बात जानती है कि यदि सीएम योगी के गढ़ में बीजेपी को हार मिलती है तो सबसे अधिक नुकसान सीएम योगी का ही होगा। सीएम योगी की विवशता रहेगी कि कभी उनके विद्रोही रहे उपेन्द्र दत्त शुक्ला को चुना जीताये।
यह भी पढ़े:-सीएम योगी आदित्यनाथ ने बदली रणनीति, कल्याण सिंह की तरह नहीं उठाना होगा नुकसान
Published on:
19 Feb 2018 01:03 pm
बड़ी खबरें
View Allवाराणसी
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
