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मायावती ने इस फैसले से बीजेपी को दी बड़ी राहत, इस सीट पर आसान हुई राह

चार बार कौशांबी के मंझनपुर से विधायक रहे हैं इंद्रजीत सरोज, बसपा सरकार में थे मंत्री

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Ahkhilesh Tripathi

Aug 02, 2017

Mayawati

Mayawati

वाराणसी.
बसपा के दिग्गज नेता इंद्रजीत सरोज के पार्टी से निष्काषित किये जाने के बाद एक बार फिर यूपी की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। स्वामी प्रसाद मौर्या, नसीमुद्दीन के बाद पार्टी का दलित चेहरा इंद्रजीत सरोज के निलंबन के बाद पहले से ही बैकफुट पर बसपा के लिये आगे की राह बहुत ही मुश्किल दिख रही थी।



फूलपूर में होना है उपचुनाव

यूपी की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, जिसमें इलाहाबाद की फूलपूर और गोरखपुर लोकसभा सीट शामिल है। फूलपूर सीट पर
मायावती
के चुनाव लड़ने की चर्चा भी थी, ऐसे में इंद्रजीत सरोज के निलंबन के बाद
मायावती
के लिये दलित वोट बैंक बचा पाना मुश्किल प्रतीत हो रहा है। निलंबन के बाद पार्टी की एकजुटता खतरे में दिख रही है। इंद्रजीत सरोज बसपा के कद्दावर नेता हैं और इनका दलितों में खासा प्रभाव है। वहीं बसपा के बिखराव का फायदा बीजेपी को मिल सकता है।



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चार बार कौशांबी के मंझनपुर से रहे हैं विधायक

पासी समाज में बेहतर दबदबा बनाये रखने वाले इंद्रजीत सरोज पर मंझनपुर विधानसभा की तस्वीर बदलने का श्रेय दिया जाता है। इस सीट पर इंद्रजीत सरोज का चार बार से कब्जा रहा है। 2012 के चुनाव में कांग्रेस व सपा ने मजबूर घेराबंदी किया लेकिन इंद्रजीत ने नजदीकी मुकाबले में चौथी बार जीत दर्ज किया। हालांकि 2017

के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।


बसपा सरकार में दो बार मंत्री रहे सरोज

2002 में
मायावती
मंत्रिमंडल में समाजकल्याण मंत्री भी रह चुके हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री पाए सरोज दो बार कैबिनेट मंत्री रहने के अलावा अनुसूचित जाति जनजाति वित्त विकास निगम व उप्र समाज कल्याण निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विधानसभा में विभिन्न समितियों में शामिल रहे सरोज बसपा का नाम बसपा के बड़े नेताओं में शुमार है।


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