scriptनए साल के पहले दिन मां गंगा में गिरता रहा सीवेज, हफ्ते भर पहले ही PM ने नगवां सीवेज पंपिंग स्टेशन व रमना STP का किया था उद्घाटन | City sewerage continues to fall into Ganga in Varanasi | Patrika News

नए साल के पहले दिन मां गंगा में गिरता रहा सीवेज, हफ्ते भर पहले ही PM ने नगवां सीवेज पंपिंग स्टेशन व रमना STP का किया था उद्घाटन

locationवाराणसीPublished: Jan 02, 2022 01:23:56 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

मां गंगा को निर्मल व अविरल बनाने के लिए वाराणसी में पिछले सात साल में कई उपाय किए गए। इसी क्रम में गत 23 दिसंबर को PM नरेंद्र मोदी ने नगवां सीवेज पंपिंग स्टेशन व रमना STP का उद्घाटन किया था। लेकिन नए साल के पहले दिन जब पर्यटक व तीर्थ यात्री गंगा में डुबकी लगा रहे थे, आचमन कर रहे थे तब भी नगवां नाला से सीवेज का गंदा पानी मां गंगा के आंचल को दूषित कर रहा था।

नगवां नाला से गंगा में जाता सीवेज-एक जनवृरी 2022

नगवां नाला से गंगा में जाता सीवेज-एक जनवृरी 2022

वाराणसी. मां गंगा को अविरल व निर्मल बनाने की कवायद बनारस में 1980 के दशक से चल रही है। आधा दर्जन से ज्यादा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बना दिए गए। इसी कड़ी में गत 23 दिसंबर को PM नरेंद्र मोदी ने नगवां सीवेज पंपिंग स्टेशन व रमना एसटीपी का उद्घाटन किया था। लेकिन मां गंगा में सीवेज गिरने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। नए साल के पहले दिन जब स्थानीय व दूर-दराज से आए तीर्थ यात्री मां गंगा में डुबकी लगा रहे थे और आचमन कर रहे थे। उस वक्त भी नगवां नाला से सीवेज का गंदा पानी मां गंगा के आंचल को दूषित कर रहा था, पर इस तरफ किसी जिम्मेदार का ध्यान नहीं गया।
नगवां नाला से गंगा में जाता सीवेज-एक जनवृरी 2022
रमना में बना है 50 एमएलडी क्षमता का एसटीपी

बता दें कि पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप) मॉडल पर तैयार रमना एसटीपी की क्षमता 50 एमएलडी है। हाल में ही इस एसटीपी प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हुआ। बावजूद इसके मां गंगा में शहर का गंदा पानी गिरना जारी है। यहां ये भी बता दें कि रमना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से पहले 20 अक्टूबर 2019 में ही गंगा में नालों के जरिए गिरने वाले सीवेज के शोधन के लिए करीब तीन सौ करोड़ की लागत से वाराणसी में गोइठहां और दीनापुर में 260 एमएलडी के दो एसटीपी का निर्माण किया गया है। अक्टूबर 2019 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनका लोकार्पण किया था।
नगवां नाला से गंगा में जाता सीवेज-एक जनवृरी 2022
दीनापुर में हैं दो एसटीपी

इससे पहले दीनापुर में भी एक नया एसटीपी तैयार है। बावजूद इसके गंगा का प्रदूषण जारी है। इस पर समय-समय पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी ने संज्ञान लेते रहते हैं। चेतावनी जारी होती रहती है पर स्थानीय प्रशासन उसे लगातार नकारता जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में यह तथ्‍य भी सामने आया है कि शोधन मानक क्षमता 10 बीओडी के सापेक्ष एसटीपी से छोड़े जाने वाला पानी 27 बीओडी है। इसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस पर्यावरणीय क्षति के लिए एसटीपी का संचालन करने वाली जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई पर 45 लाख का जुर्माना लगाने की सिफारिश तक कर चुका है। लेकिन नतीजा शिफर ही निकला।
स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत करते पीएम ने कहा था, गंगा में नहीं गिरेगा मलजल

यहां ये भी बता दें कि नरेंद्र मोदी के बनारस का सांसद बनने से पहले वाराणसी में सिर्फ 80 एमएलडी मल जल शोधित होता था। इसके लिए दीनापुर में पुराना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा था जिसकी शोधन क्षमता भी पर्याप्त नहीं रही। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गंगा के अस्सी घाट से स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की, तब उन्होंने कहा था कि आगामी दिनों में गंगा में एक बूंद भी मलजल नहीं जाएगा।
रमना एसटीपी
एसटीपी बनती गई, सीवेज गिरता रहा

इसके लिए नमामि गंगे परियोजना शुरू की गई। फिर नरेंद्र मोदी के पहले पांच वर्षों में ही लक्ष्य पूरा होना बताया गया। देखते ही देखते चार एसटीपी बन कर तैयार हो गए। इसमें सबसे बड़ी एसटीपी 140 एमलडी क्षमता की दीनापुर में स्थापित है। वहीं आधे शहर यानी वरुणापार के लिए 120 एमलडी क्षमता की गोइठहां में बनाई गई है। इसके साथ ही लंका क्षेत्र के बड़े इलाके के लिए 50 एमएलडी क्षमता की रमना में एसटीपी बनी। गंगा उस पार रामनगर के लिए 10 एमएलडी क्षमता की एसटीपी बनाई गई। वतर्मान में गंगा में सीवेज गिरना बहुत कम हो गया है। जो गिर भी रहा है वह पुराने सीवर लाइन यानी शाही नाला के ओवरलोड होने से हो रहा है। इस पर काम तेजी से चल रहा है, जनवरी 2022 तक गंगा में सीवेज गिरना पूरी तरह बंद हो जाएगा।
150 एमएलडी सीवेज अब भी गिर रहा गंगा में

लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में करीब 150 एमएलडी मलजल गंगा में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से गिर रहा है। इसमें नगवां व सामनेघाट नाले से 50 एमएलडी व रामनगर में चार नाले से 10 एमएलडी मलजल रोजाना गंगा में गिरता है। इसे देखते हुए रमना में 50 एमएमलडी व रामनगर में 10 एमएलडी एसटीपी निर्माण का प्रस्ताव बनाया गया था। वर्ष 2018 में रमना एसटीपी का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था। अब इसका लोकार्पण 23 दिसंबर 2021 को हो चुका है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो