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पूर्वांचल के इन जिलों को बड़ा तोहफा, मार्च से शुरू होगा रिंग रोड फेज-2 का निर्माण

बोले कमिश्नर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कराये जा रहे विभिन्न मार्गो के 4 लेन निर्माण में अब आएगी तेजी।

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रिंग रोड फेज 2 मॉडल

रिंग रोड फेज 2 मॉडल

वाराणसी. रिंग रोड फेज-2 के तहत एनएच 2 और एनएच 56 के मध्य राजातालाब से हरहुआ तथा एनएच 29 से एनएच 2 के मध्य गाजीपुर से चन्दौली को जोड़ने वाले पैकेज 1 व 2 का कार्य को शीघ्र शुरू होगा। यही नहीं इसके लिए भूमि अधिग्रहण की खातिर मुआवजा एवार्ड जनवरी में डिक्लेयर करा दिया जाएगा। फिर रिंग रोड फेज-2 का कार्य मार्च से शुरू हो जायेगा। यह दावा कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण का है।

कमिश्नर गोकर्ण मंगलवार को राष्ट्रीय राजमार्ग के चेयरमैन दीपक कुमार के साथ अपने कार्यालय सभागार में बैठक कर रहे थे। इस दौरान एनएच 56 पर वाराणसी-हनुमना, एनएच 97 गाजीपुर-जमानियां-सैदपुर एवं गाजीपुर-जमानियां- सैयदराजा के काफी खराब मार्ग का मरम्मत कार्य 10 दिनों कें अन्दर शुरू कराने का निर्देश दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग के चेयरमैन दीपक कुमार ने बताया कि इन मार्गो पर मरम्मत कार्य 10 दिनों में शुरू हो जाएगा। वाराणसी-सुलतानपुर, वाराणसी-गाजीपुर-गोरखपुर एवं वाराणसी-आजमगढ़ मार्ग के 4 लेन निर्माण कार्य के दौरान जगह-जगह पर मिसिंग प्लाट के कारण कार्य की धीमी प्रगति में तेजी लाने के लिए कमिश्नर ने इन मिसिग प्लाटों के भी मुआवजा एवार्ड जनवरी में डिक्लेयर कराने की हिदायत दी ताकि इन मार्गो के निर्माण कार्य में तेजी आ सके।

वाराणसी-हनुमना 4 लेन का काम भी जल्द

कमिश्नर ने एनएच-56 पर वाराणसी-हनुमना मार्ग के 4 लेन निर्माण के लिए भी अधिग्रहित होने वाले भूखंडों का मुआवजा एवार्ड जनवरी में डिक्लेयर कराने का निर्देश दिया। कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि उपलब्ध मुआवजा धनराशि का वितरण भी अभियान चलाकर सुनिश्चित कराया जाय ताकि सड़को के निर्माण कार्य में तेजी आ सके।

बता दें कि 42.07 किमी लंबी फोरलेन परियोजना के लिए पिछले अगस्त 2017 में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी थी। इसका काम बरसात बाद शुरू भी होने वाला था लेकिन अचानक इसका डीपीआर फिर से बनाने के लिए कहा गया। तर्क दिया गया है कि एक किमी लंबी कंक्रीट की सड़क में करीब 21 करोड़ रुपये खर्च होगा जबकि तारकोल की सड़क यदि इतनी ही लंबी बनेगी तो इसका आधा धन लगेगा। ऐसे में दोनों ही विकल्पों पर प्रस्ताव बनाकर मंत्रालय को भेजा जाए ताकि परियोजना के बजट की समीक्षा की जा सके। इसके बाद से स्थानीय अफसरों में बेचैनी देखी जा रही है। तभी यह कयास लगाया जाने लगा था कि एक बार फिर से प्रस्ताव संबंधी कार्यो को पूरा करने में करीब तीन से चार महीना लग सकता है जिसके चलते परियोजना में देरी भी हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि काशी में चलित तमाम केंद्रीय परियोजनाओं के सकारात्मक परिणाम न आने के चलते ही केंद्र सरकार ने धन खर्च करने में अपनी रणनीति बदली है।

इन जगहों पर होगा काम

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो के राजातालाब से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 56 स्थित हरहुआ एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 29 के संदहा से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो पर गंजवासनी को आपस में जोड़ेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 3000 करोड़ रुपये है।

बैठक में जिलाधिकारी वाराणसी योगेश्वर राम मिश्र, जिलाधिकारी जौनपुर अरविन्द मलप्पा बंगारी, जिलाधिकारी गाजीपुर के बालाजी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मुनीन्द्र नाथ उपाध्याय सहित एनएच एवं लोनिवि के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।