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सवर्ण जाति के छात्र का पैर नहीं छूने पर दलित स्टूडेंट की पिटाई, FIR

बीएचयू में एक सवर्ण जाति का छात्र दलित लड़के से पैर छूने को कहा, जब उसने मना किया तो उसकी पिटाई कर दी और जातिसूचक गाली दी।

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वाराणसी के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय यानी बीएचयू में एक दलित छात्र की पिटाई का मामला सामने आया है। पिटाई का आरोप एक सामान्य जाति के स्टूडेंट पर लगा है। आरोप है कि सामान्य जाति के छात्र के पैर दलित स्टूडेंट ने नहीं छुए। इसके कारण उसकी पिटाई की गई। पीड़ित छात्र ने इसकी शिकायत पुलिस में की। मगर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में नाराज छात्रों ने थाने का घेराव किया। इसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया।

शराब पीकर पैर छूने को कहा
बीएचयू के बिड़ला-सी के हाॅस्टल के कमरा नंबर-224 में रहने वाले MA थर्ड सेमेस्टर के पीड़ित छात्र संतोष ने कहा, “21 दिसंबर की रात 10 बजे कमरा संख्या 226 में रहने वाले शुभम सिंह ने शराब पीकर मुझसे अपने सहपाठियों का पैर छूने के लिए कहा।”

मना करने पर बाल्टी उठाकर मारा
संतोष ने आगे बताया, “मैंने ऐसा नहीं किया तो उन्होंने मुझे मारा और मेरी गर्दन दबाकर जान से मारने की कोशिश की। बाल्टी उठाकर मेरे ऊपर फेंका भी। अपनी आत्म सुरक्षा में उन्हें पकड़ने और अपने आपको बचाने की कोशिश की तो शुभम सिंह ने जाति से संबंधित गाली दी।”

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पीड़ित छात्र के मुताबिक, “जब मैं अपनी जान बचाकर भागा तो वो मेरे पीछे भारत कला भवन के चौराहे तक मुझे गाली देते हुए आए। जब मैं वहां पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से अपने वार्डेन से बात करवाया तब मुझे सुरक्षा मिली।”

पुलिस ने नहीं लिया एक्शन
21 दिसंबर की शिकायत पर पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। लंका थाने पर BHU के बाकी साथी छात्रों के साथ पहुंच पीड़ित छात्र संतोष कुमार को थाने का घेराव करना पड़ा। इसके बाद मामला 24 दिसंबर की रात लगभग पौने 10 बजे आरोपी छात्र शुभम सिंह के खिलाफ दर्ज कर लिया गया। इसमें मारपीट की धाराओं के साथ SC-ST एक्ट की भी धाराएं लगाई गईं।

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी काशी RS गौतम ने बताया, “दोनों पक्षों में विवाद के बाद एक पक्ष ने लंका थाने में शिकायत दर्ज की थी। इसके आधार पर ACP भेलूपुर ने मामले की जांच की और सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। पर्याप्त साक्ष्य के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।”