बजते घंट-घडियालों, शंखों की गूंज व आस्था एवं विश्वास से लबरेज देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु इसे देखने आते हैं। हर हाथ में दीपकों से थाली और मन में उमंगों की उठान घाट महरूम हो उठता है। ऋतुओं में श्रेष्ठ शरद ऋतु, मासों में श्रेष्ठ ‘कार्तिक मास’ तथा तिथियों में श्रेष्ठ पूर्णमासी यानी प्रकृति का अनोखा माह तो है ही, यह देवताओं का भी दिन माना जाता है। इस माह की पवित्रता इस बात से भी है कि इसी माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है।