Durga Puja 2023: दुर्गापूजा में मिनी बंगाल बन जाने वाले काशी में इस वर्ष भव्य और दिव्य केदरनाथ धाम का भी दर्शन होगा। इस धाम में मां दुर्गा महिषासुर का वध करेंगी।
Durga Puja 2023: धर्म की नगरी काशी में दुर्गापूजा का त्यौहार आते है मिनी बंगाल की झलक दिखाई देने लगती है। शहर में भव्य दुर्गापूजा पंडाल बनाए जाते हैं। इसी क्रम में पिछले 44 वर्षों से नई सड़क स्थित सनातन धर्म इंटर कालेज में इस वर्ष भव्य और दिव्य केदारनाथ कॉरिडोर की झलक देखने को मिलेगी। इस पूजा पंडाल को भव्य तरीके से बंगाल के कारीगर बना रहे हैं। सभी बंगाल के मिदनापुर के रहने वाले हैं। काशी में सबसे अधिक मश्शूर इस पंडाल में इस वर्ष दवा किया जा रहा है कि यहां की प्रतिमा प्रदेश ऊंची प्रतिमा है।
श्री दुर्गापूजा समिति करवा रही कार्य
नई सड़क स्थित सनातन धर्म इंटर कालेज में पिछले 44 वर्षों से श्री दुर्गापूजा समिति का दुर्गापूजा पंडाल सजाया जाता है। समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष सूरज जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष हम केदारनाथ कॉरिडोर का निर्माण करवा रहे हैं। सप्तमी को मूर्ती की स्थापना हो जाएगी और लोगों को दर्शन मिलेंगे। पिछले वर्ष हम लोगों ने श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाया था और इस वर्ष केदरनाथ कॉरिडोर का निर्माण कर रहे हैं।
प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा
सूरज जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष हमारे पंडाल में प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इस प्रतिमा की हाइट 24 फुट है। हमारी सभी मूर्तियां हाइड्रोलिक और इलेक्ट्रिक बेस्ड है। मां यहां धरती का सीना चीरकर बाहर आएंगी और महिषासुर से संवाद करेंगी और फिर उसका वध करेंगी। कुल 5 मिनट का पूरा शो रहेगा।
हर वक्त मौजूद रहती है हजारों की भीड़
सूरज जायसवाल ने बताया कि पंडाल में हर समय हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रहती है, जिसे हमारे वालिंटियर्स और पुलिस के लोग संभालते हैं। वहीं कारीगर चंदन सामंत ने बताया कि वो पिछले 5 साल से इस दुर्गापूजा पंडाल को बनाने के लिए बंगाल से अपनी टीम के साथ आ रहे हैं। इस वर्ष भी कुल 16 लोग पंडाल और 6 लोग मूर्ती बनाने के लिए यहां आए हैं। पंडाल के कारीगर 5 अक्टूबर को यहां पहुंचे हैं।