इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं, ऐसे में बसपा का यह कार्ड बीजेपी के लिये बड़ी चुनौती है।
वाराणसी. लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर यूपी की राजनीति गर्म है। सपा- बसपा गठबंधन के बाद सूबे का सियासी समीकरण बदल गया है जो बीजेपी के लिये बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। महागठबंधन में सभी सीटों पर दावेदारों की लंबी सूची सामने आ रही है जो सपा- बसपा के लिए परेशानी भी बढ़ा रही है । हालांकि दोनों ही दलों के नेताओं का मानना है कि गठबंधन में यह सीट जिस भी पार्टी खाते में जायेगी उसकी जीत सुनिश्चित है। यूपी के महाराजगंज लोकसभा सीट पर सपा बसपा गठबंधन के तहत यह सीट बसपा के खाते में जाती दिख रही है, जहां से बसपा गणेश शंकर पांडेय को अपना प्रत्याशी बना सकती है ।
कौन हैं गणेश शंकर पांडेय :
महराजगंज संसदीय सीट से इस बार के चुनाव में हरिशंकर तिवारी परिवार के ही किसी सदस्य के चुनाव लड़ने की चर्चा है। विधान परिषद के पूर्व सदस्य गणेश शंकर पांडेय इस सीट से पूर्व में चुनाव लड़ भी चुके है। गणेश शंकर हरिशंकर तिवारी के भांजे हैं और उनके राजनीति का प्रमुख केंद्र गोरखपुर ही रहा है। गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी का आवास हाता के ही नाम से चचित है। गणेश शंकर पांडेय ने 2017 का विधानसभा चुनाव महराजगंज के पनियरा विधानसभा सीट से लड़ा था, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था । गणेश शंकर पांडेय चार बार स्थानीय निकाय क्षेत्र से विधानपरिषद के लिए ही चुने जाते रहे हैं।
इस सीट पर ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं, ऐसे में बसपा का यह कार्ड सत्ताधारी दल बीजेपी के लिये किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला है। गोरखपुर और फूलपूर उपचुनाव में करारी हार के बाद बीजेपी के लिये यह सीट इसलिये भी प्रतिष्ठा का सवाल है क्योंकि यह इलाका सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रभाव क्षेत्र का है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा, बीजेपी यहां बसपा की इस चुनौती से कैसे निपटती है।