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आईआईटी का प्रोफेसर रह चुका है यह सन्यासी, अनशन कर गंगा को दिलाया था राष्ट्रीय नदी का दर्जा

स्वामी सानंद लगातार गंगा में हो रही जल की कमी और प्रदूषण के बढ़ते स्तर का मुद्दा उठाते रहे हैं।

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Swami Gyan Swaroop Sanand

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद

वाराणसी. स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने एक बार फिर गंगा नदी को बचाने को लेकर सक्रिय हो गये हैं। स्वामी सानंद ने इस संबंध में पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर गंगा दशहरा के बाद देह त्याग की प्रतिज्ञा ली है। उन्होंने कहा है कि यदि गंगा की स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो वह हरिद्वार में 22 जून से आमरण अनशन शुरू कर देंगे ।

कौन हैं स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ?
स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर रह चुके हैं। इसके अलावा वह राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के पूर्व सलाहकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रथम सचिव भी रह चुके हैं। इनकी पहचान गंगापुत्र के रूप में है और वह लगातार गंगा में हो रही जल की कमी और प्रदूषण के बढ़ते स्तर का मुद्दा उठाते रहे हैं।

2012 में किया था कई दिनों तक अनशन
सानंद ने 2012 में 80 साल की उम्र में गंगा पर बने बांधों का विरोध करने को लेकर 60 दिनों से अधिक का अनशन किया था। इन्ही के प्रयासों के गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिला और नेशनल अथॉरिटी बनाई गई।