
काशी में बाढ से बिगड़े हालात
वाराणसी. गंगा में आए ऊफान का सिलसिला अनवरत जारी है। इसके चलते जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। इंसान तो इंसान मवेशी भी बेहाल हैं। आलम ये कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक कहीं गंगा तो कही वरुणा और कही गोमती के बढ़े जलस्तर के चलते लोग बेहाल हैं। रविवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच चुका है। हालांकि आज से रफ्तार की गति मद्धम पड़ी है। अब एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा है।
बाढ से 11 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित
जिला प्रशासन के अनुसार जिले के करीब 11 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 601 परिवार के चार हजार लोगो ने बाढ राहत शिविरों मे शरण ले रखी है। चौबेपुर क्षेत्र के पिपरी गांव का संपर्क टूट गया है। इस बीच कलेक्टर के निर्देश पर हर राहत शिविर शरण लेने वालों के लिए खाना-पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक जिले की 93 ग्रामसभा और 19 वार्ड के 11 हजार 17 लोग बाढ से प्रभावित हैं, जबकि 256.374 हेक्टेयर फसल डूब गई है।
वरुणा के तटवर्ती इलाकों में लोग बेहाल
वरुणा के तटवर्ती इलाकों कोनिया, सरैयां, पुलकोहना, सोनातालाब, बाघवानाला, सलारपुर, सरायमोहना आदि इलाकों के रहवासी बेहाल हैं। कमोबेश यही हाल पुरानापुल, सलारपुर, पुलकोहना क्षेत्र का है। इन इलाकों में रहने वालों के घरों में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है जिससे अब वो पलायन कर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। लेकिन कुछ लोग अब भी प्रथम तल पर डेरा डाले हैं।
कुल 40 राहत शिविर में सक्रिय 18
जिला प्रशासन की ओर से कुल 40 राहत शिविर बनाए गए हैं जिसमें से वर्तमान में 18 क्रियाशील हैं। इन क्रियाशील शिविरों में 3109 लोगों ने शरण ले रखा है, जिसमें 916 बच्चे हैं जिनकी अवस्था 12 साल से कम है। प्रशासन के अनुसार सभी को खाना-पानी मुहैया कराया जा रहा है।
सक्रिय मेडिकल टीम की संख्या में बढ़ोत्तरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के अनुसार क्रियाशील मेडिकल टीमों की संख्या बढ़ा दी गई। अब 40 में से 18 मेडिकल टीम काम करने लगी है। थ ही शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में औषधियों व चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की भी तैनाती की गई है। इसमें शहरी क्षेत्र में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पीयूष राय, चिरईगांव ब्लाक में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मोइजुद्दीन हाशमी, चोलापुर ब्लाक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसएस कनौजिया, हरहुआ ब्लाक में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अमित सिंह, आराजी लाइन ब्लाक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश प्रसाद को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सभी अधिकारी अपने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण कर चिकित्सकीय व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे।
40 स्कूल-कालेज बंद, बनाए गए राहत शिविर
बाढ़ राहत शिविर केंद्र बनने वाले प्राथमिक स्कूल से लेकर इंटर कॉलेज तक शिक्षण संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश दिया है। जिले में ऐसी शिक्षण संस्थाओं की संख्या 40 है। इनमें प्राथमिक विद्यालय बच्छाव, टिकरी व सुंदरपुर, सनातन धर्म इंटर कॉलेज नई सड़क, प्राथमिक विद्यालय नगवां, गोपी राधा इंटर कॉलेज, गोयनका महाविद्यालय भदैनी, सिटी गर्ल्स स्कूल बड़ी बाज़ार, प्राथमिक विद्यालय मलदहिया(रमना), जेपी मेहता इंटर कॉलेज, प्राथमिक विद्यालय कोनियां, कटिंग मेमोरियल हाईस्कूल नदेसर, तुलसी निकेतन हुकुलगंज, जूनियर हाईस्कूल सूजाबाद-डोमरी, कम्पोजिट विद्यालय रामनगर, प्राथमिक विद्यालय-जूनियर हाईस्कूल गोबरहां, खण्डेश्वरी इंटर कॉलेज चांदपुर, प्राथमिक विद्यालय कोटवां, प्राथमिक विद्यालय/ जूनियर हाईस्कूल बर्थरा कलां, प्राथमिक विद्यालय सरैया, प्राथमिक विद्यालय सलारपुर, नवयुग विद्या मंदिर ढेलवरिया, प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया, रामजानकी मंदिर (बड़े मंदिर), प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुर या जूनियर हाईस्कूल व प्राथमिक विद्यालय धौरहरा, अजगरा व बेला, जूनियर हाईस्कूल नियारडीह, जूनियर हाईस्कूल दानगंज पहाडपुर, चंद्रावती, कैथी, जूनियर हाईस्कूल छितौनी, प्राथमिक विद्यालय रजवाड़ी शामिल हैं।
Published on:
28 Aug 2022 01:50 pm
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